Electoral Bond Data: कंपनियों ने Electoral Bonds का डाटा का किया खुलासा, भाजपा को 6 हजार करोड़ मिले, मेघा इंजीनियरिंग, वेदांता, ITC ने जमकर दिया दान

Electoral Bond Data: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राजनीतिक दलों को चंदा देने वाले कंपनियों के द्वारा किए गए दानों के डेटा का खुलासा हुआ है। इस डेटा के अनुसार, पिछले 5 सालों में कुल 12,769 करोड़ रुपये के लगभग चंदे की राशि जुटाई गई है।

Rishabh Namdev
Published on -

Electoral Bond Data: राजनीतिक दलों को चंदा देने वाली कंपनियों के द्वारा किए गए दानों के डेटा का खुलासा किया गया है। इसके तहत कुल 12,769 करोड़ रुपये के लगभग चंदे की राशि जुटाई गई है। इसमें सबसे अधिक चंदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिला है, जिसे कुल 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक का चंदा प्राप्त हुआ है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में असंवैधानिक घोषित किया है और अब दान करने वाले कंपनियों को खुलासा करना अनिवार्य हो गया है। दरअसल यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो लोकतंत्र की स्थिरता और पारदर्शिता को बढ़ावा देता है।

चंदे की राशि का विवरण:

दरअसल आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक चंदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिला है, जिसे कुल 6 हजार करोड़ रुपये से अधिक का चंदा प्राप्त हुआ है। इसके अलावा, तृणमूल कांग्रेस ने 16,09,50,14,000 रुपये और कांग्रेस ने 14,21,86,50,000 करोड़ रुपये का चंदा जुटाया है। आपको बता दें तृणमूल कांग्रेस ने 3,275 चुनावी बॉन्ड भुनाए जिनमें 1.467 एक-एक करोड़ रुपये के और 1,384 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के थे। वहीं कांग्रेस ने 3.141 चुनावी बॉन्ड भुनाए, जिनमें 1.318 एक-एक करोड़ रुपये के और 958 बॉन्ड 10-10 लाख रुपये के थे। हालांकि अभी भी यह आंकड़ा पूरी तरह से साफ़ नहीं हो पाया है। जिसके बाद कई एक्सपर्ट्स का कहना है की यह अधूरी जानकारी है।

कंपनियों का योगदान:

वहीं जिन कंपनियों ने इन पार्टियों को चंदा दिया है। उन व्यापारिक उद्योगपतियों में स्टील कारोबारी लक्ष्मी मित्तल, सुनील मित्तल की वेदांता, और अनिल अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड शामिल हैं। इस योजना में बहुत सारे उद्योगपतियों, कंपनियों, और व्यक्तियों ने भाग लिया है। इसमें स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं।

इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जिसमें इसे असंवैधानिक घोषित किया गया है। दरअसल अब राजनीतिक दलों को चंदे के दाताओं का खुलासा करना अनिवार्य हो गया है। यह राजनीतिक फंडिंग के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम है जो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों की सुनिश्चिति में मदद कर सकता है। इस डेटा का सार्वजनिक होना लोकतंत्र की स्थिरता और पारदर्शिता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


About Author
Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

Other Latest News