Cyber Crime : देश में तकनीकी प्रगति के साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि सरकार इसपर लगाम लगाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही है लेकिन इसके बावजूद, इस समस्या से पूरी तरह छुटकारा नहीं मिल सका है। दरअसल फ्रॉड करने के लिए आरोपी नई नई तरकीबें अपनाते हुए दिखाई देते हैं। यदि सरकार किसी धोखाधड़ी के तरीके का समाधान निकालती है, तो ठग नए तरीकों की खोज में लग जाते हैं। जिसके चलते सरकार और धोखेबाजों के बीच चूहे-बिल्ली का खेल काफी समय से चल रहा है।
वहीं पिछले कुछ समय से अब एक और फ्रॉड करने का तरीका चर्चा का विषय बना हुआ है। यह नया तरीका ‘डिजिटल अरेस्ट स्कैम’ है। दरअसल यह धोखाधड़ी का तरीका इन दिनों बहुत आम हो गया है। वहीं हाल ही में हैदराबाद के एक युवक को इस स्कैम का शिकार बनाया गया। ठगों ने उसे फोन कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट कर 1.2 करोड़ रुपये की बड़ी ठगी की है।
ऐसे बनाया शिकार:
दरअसल डिजिटल अरेस्ट स्कैम, जिसे पार्सल स्कैम (Parcel Scam) भी कहा जाता है। अब हैदराबाद का एक युवक इसका शिकार बना गया। दरअसल इस युवक को 20 दिनों तक ठगों ने धीरे-धीरे ठगा। जानकारी के अनुसार पहली कॉल 7 मई को आई, जिसमें एक फर्जी पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि उसके पार्सल में ड्रग्स और नशीले पदार्थ पकड़ाए हैं।
जिसके चलते युवक डर गया। वहीं इस डर का फायदा उठाकर उस नकली अधिकारी ने उसे धमकाकर उसकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर ली और उसे डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया और युवक को 24 घंटे ऑनलाइन रहने का आदेश दिया। जानकारी के अनुसार इस साजिश के चलते पीड़ित इतना डर गया की अगले 20 दिनों तक वह ठीक से सो नहीं सका और न ही भोजन कर सका।
जानें साइबर फ्रॉड से खुद को कैसे बचाएं?
वहीं आप ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ऐसे में इन फ्रॉड से कैसे बचा जाए। तो आपको बता दें कि डिजिटल अरेस्ट या ऐसे स्कैम से बचाव के लिए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। अगर आपको इस तरह की कोई कॉल आती है तो तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करना चाहिए या फिर आपको तुरंत इसकी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना चाहिए। वहीं ऐसे में किसी भी परिस्थिति में अपनी निजी जानकारी किसी अजनबी से साझा नहीं करना चाहिए। कॉल करने वाले की पहचान की पुष्टि करें। धोखेबाज अक्सर आपसे जल्दबाजी में पैसे मांगने की कोशिश करेंगे, इसलिए सतर्क रहें। अपने आसपास के लोगों को इस प्रकार के स्कैम के बारे में नियमित रूप से जानकारी देते रहें ताकि वे भी सतर्क रह सकें।