Employees, New pay Commission : हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। उन्हें नए वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इतना ही नहीं -नए वेतनमान का लाभ देने के साथ ही उन्हें ब्याज सहित बकाया राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। 6 सप्ताह के भीतर राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों को नए वेतनमान और ब्याज का भुगतान करने के आदेश दिए गए हैं।
छठे वेतन आयोग वित्तीय लाभ की बकाया राशि 6% ब्याज सहित
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा कृषि ग्रामीण विकास विभाग से रिटायर्ड हुए उपनिदेशकों को छठे वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि रिटायर्ड उपनिदेशकों को छठे वेतन आयोग की वित्तीय लाभ की बकाया राशि 6% ब्याज सहित दिया जाए। 6 सप्ताह के भीतर यह प्रक्रिया पूरी की जाए।
1 जनवरी 2016 से पेंशन, ग्रेच्युटी, कंप्यूटेशन आफ पेंशन का लाभ
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश संदीप शर्मा ने रिटायर्ड उपनिदेशकों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के पश्चात प्रदेश सरकार के वित्त सचिव और हिमालय प्रदेश महालेखाकार को यह आदेश दिए हैं। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की याचिका को स्वीकार करते हुए 1 जनवरी 2016 से 30 अप्रैल 2018 तक बकाया संशोधन वेतन ब्याज सहित देने और याचिकाकर्ताओं को पेंशन, ग्रेच्युटी, लीव एनकेचमेंट और कंप्यूटेशन आफ पेंशन का लाभ 1 जनवरी 2016 से 6% ब्याज सहित देने की आदेश दिया।
याचिकाकर्ताओं द्वारा आरोप लगाया गया था कि उन्हें छठे वेतन आयोग की सिफारिश के मुताबिक अभी तक कोई वित्तीय लाभ नहीं दिया गया प्रदेश सरकार द्वारा 3 जनवरी 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधित नियम तय किए गए थे इन नियम के तहत सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग की सिफारिश को अपनाया गया था और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की गई थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वह भी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि पाने के हकदार है क्योंकि 1 जनवरी 2016 के बाद रिटायर हुए हैं ऐसे में 25 फरवरी 2022 को सरकार ने पेंशन नियम में संशोधन कर 1 जनवरी 2016 के बाद रिटायर्ड हुए कर्मचारियों को ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़कर 20 लख रुपए कर दी थी।
वही 17 सितंबर 2022 को सरकार द्वारा कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें वित्तीय लाभ देने के लिए क़िस्त क़िस्त तैयार की गई थी वित्तीय लाभ की बगैर राशि का भुगतान पांच किस्तों में करने का प्रावधान तैयार किया गया था याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि सरकार द्वारा उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। जो कर्मचारी 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच रिटायर्ड हुए उन्हें पांच किस्तों में भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में वह भी संशोधित वेतनमान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं। जिसके बाद कोर्ट ने कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।