Deepawali Village : भारत में एक-से-बढ़कर एक गांव मौजूद है। यहां का रहन-सहन स्थानीय परंपरा से जुड़ा होता है। हर गांव का अपना अलग-अलग महत्व है। गांव में रहने वाले लोग एक-दूसरे से मिलजुल कर एकता की भावना के साथ रहते हैं। सभी कार्य को एकजूटता के साथ करना पसंद करते हैं। महिलाएं एक-दूसरे के काम में हाथ बटाती हैं। बच्चे एक साथ खेलते हुए बड़े होते हैं। वैसे तो हर गांव का अलग-अलग नाम होता है, जिससे लोगों को उस गांव तक पहुंचने में असानी रहती है, लेकिन क्या आप कभी ऐसे गांव का नाम सुने हैं जो त्योहार के नाम पर रखा गया हो।
जी हां, विश्व के सबसे बड़े हिंदू त्योहारों में से एक दीपावली केवल एक पर्व ही नहीं बल्कि भारत में स्थित एक गांव का भी नाम है। यह सुनने में बड़ा अजीब सा है, लेकिन यह बिल्कुल सच है।
दीपावली गांव (Deepawali Village)
दरअसल, यह गांव आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के गारा मंडल में स्थित है, जो बेहद खूबसूरत है। यहां की अनूठी परंपरा, स्थानीय रीति-रिवाज काफी ज्यादा आकर्षक है। इतिहासकारों की मानें तो सदियों पहले यहां के राजा बहुत ज्यादा धार्मिक थे और उन्होंने यहां पर श्री कुर्माणाधा मंदिर की स्थापना की, जहां वह पूजा और ध्यान के लिए हमेशा जाया करते थे। एक दिन मंदिर से लौटते समय वह बेहोश हो गए, तब ग्रामीण तेल के दिए लेकर उनकी मदद के लिए पहुंचे और उन्हें पानी पिलाया। तब जाकर राजा को होश आया। होश में आने के बाद राजा ने प्रसन्न होकर अपनी प्रजा से कहा कि तुमने दीप की रोशनी में मेरी सेवा की है। आज से तुम्हारे गांव का नाम दीपावली कहा जाएगा। तब से ही इस गांव का नाम दीपावली पड़ गया। इसका अर्थ है अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
धूमधाम से मनाई जाती है दिवाली
दिवाली के शुभ अवसर पर पूरा गांव हजारों लीटर तेल के दिनों से जगमगा उठता है। सड़कों, घर-घर में फूल से सजाया जाता है और रंगोली बनाई जाती है। हर कोई नए कपड़े पहन कर इस पर्व को उत्साह के साथ मनाते हैं। यहां दामाद का इस दिन भव्य स्वागत भी किया जाता है। गांव के सभी परिवार एक साथ मिलकर भोजन करते हैं। एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं। सुबह से लेकर शाम तक गांव में चहल-पहल देखने को मिलती है। महिलाएं एक-दूसरे से अपना सुख-दुख बांटती हैं, जिससे उनका रिश्ता मजबूत होता है।