ऑनलाइन पार्सल से परेशान होकर दिल्ली की इस सोसाइटी ने जारी किया नोटिस, बैचलर निवासियों को दी ‘पर्सनल गार्ड’ रखने की सलाह

आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का ट्रेंड बहुत बढ़ गया है। इससे घर बैठे 24/7 खरीदारी की सुविधा मिलती है। प्रोडक्ट्स की विस्तृत रेंज और विभिन्न ब्रांड्स उपलब्ध होते हैं। कीमतों की तुलना, डिस्काउंट्स और कस्टमर रिव्यू से बेहतर खरीदारी संभव होती है और आसान रिटर्न/एक्सचेंज और सुरक्षित भुगतान विकल्प उपलब्ध हैं। ख़ासकर ऐसे लोग जो अकेले रहते हैं या किसी कारण बाहर नहीं जा पा रहे, उनके लिए ये बेहद सुविधाजनक है। लेकिन अब इस सुविधा ने दिल्ली की एक सोसाइटी में नई बहस छेड़ दी है।

Online Shopping

Delhi Housing Society Guidelines for Online Shopping : आजकल ऑनलाइन शॉपिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है। घर बैठे-बैठे ही लोग अपनी जरूरत की चीजें मंगवा रहे हैं और इसने लोगों के जीवन को आसान भी कर दिया है। लेकिन, दिल्ली की एक हाउसिंग सोसाइटी में इस सुविधा ने एक नई समस्या को जन्म दे दिया है।

इस सोसाइटी में बैचलर निवासियों द्वारा रोजाना 10-15 पार्सल मंगवाए जा रहे हैं, जिससे सोसाइटी के सुरक्षा गार्डों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, सोसायटी के अध्यक्ष ने एक अजीबोगरीब गाइडलाइन जारी कर दी है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर सोसाइटी का अजीबोगरीब नोटिस

दिल्ली की इस हाउसिंग सोसाइटी के लोग कुछ निवासियों की ऑनलाइन शॉपिंग से इतने परेशान हो गए कि उन्होने नोटिस जारी कर दिया है। रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने 18 सितंबर को एक नोटिस जारी किया, जिसमें निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने ऑर्डर को सीमित करें या अपने लिए पर्सनल गार्ड रख लें। सोसाइटी के अध्यक्ष का कहना है कि त्योहारों और विशेष अवसरों पर पार्सल की संख्या काफी बढ़ जाती है, जिससे सुरक्षा गार्डों के काम पर असर पड़ता है। गार्डों को न केवल पार्सल रिसीव करने होते हैं, बल्कि डिलीवरी के ओटीपी शेयर करने और डिलीवरी ब्वॉय के साथ लगातार संपर्क में रहना पड़ता है। इसका परिणाम यह होता है कि सुरक्षा गार्ड अपनी मुख्य जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभा पाते।

बैचलर रेसिडेंट्स पर पर विशेष ध्यान

सोसाइटी के अनुसार F ब्लॉक, जहां अधिकतर बैचलर लड़के रहते हैं, में समस्या अधिक गंभीर है। इस ब्लॉक में एक फ्लैट से ही रोजाना 10-15 पार्सल मंगवाए जाते हैं। इससे गार्डों का काम बेहद कठिन हो गया है। सोसाइटी के अध्यक्ष ने नोटिस में कहा है कि अगर बैचलर निवासी ऑर्डर सीमित नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें पर्सनल गार्ड रखना चाहिए। इस गाइडलाइन के बाद सोसाइटी में एक मीटिंग भी बुलाई गई, जिसमें गार्डों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से रखा।

सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया

नोटिस जारी होने के बाद सोसाइटी के एक निवासी ने इस नोटिस की फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की, जहां इस पोस्ट को लेकर जमकर बहस हो रही है। पोस्ट में लिखा गया है, “सोसाइटी के अध्यक्ष पागल हो गए हैं। मेरे कज़िन को भी ज्यादा पार्सल मंगवाने के लिए चेतावनी दी गई थी।” इस वायरल पोस्ट ने सोसाइटी के नोटिस को लेकर लोगों के बीच एक अलग लेवल की चर्चा छेड़ दी है।

यह मसला अब एक बड़ी बहस का मुद्दा बन गया है कि क्या ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा से सुरक्षा गार्डों का काम प्रभावित हो रहा है? और क्या ऐसे उपायों से वास्तव में समाधान मिल पाएगा? हाउसिंग सोसाइटी की यह गाइडलाइन कुछ के लिए हास्यास्पद और कुछ के लिए गंभीर विचार का विषय बन गई है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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