कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, अब इस भत्ते की राशि एकमुश्त मिलेगी, ग्रेच्युटी की लिमिट भी बढ़ी

वर्तमान में ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी है लेकिन पहली जनवरी 2025 से 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिल सकेगी। इस तरह ग्रेच्युटी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

Pooja Khodani
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Haryana Employees Allowance/ Gratuity : हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकारी विभागों, बोर्ड-निगमों और स्वायत्त निकायों में लगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भत्ते पर अपडेट आया है। अब ग्रुप 4 के कर्मचारियों को वर्दी भत्ता किस्तों की बजाय अप्रैल से एक साथ मिलेगा।इस संबंध में मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

वर्तमान में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को वर्दी भत्ते के रूप में हर महीने 440 रुपये वेतन के साथ दिए जाते है लेकिन राज्य की नायब सिंह सैनी सरकार ने अब वर्दी भत्ते एक साथ देने का फैसला किया है। अप्रैल 2025 से नया नियम लागू होगा, जिसके मुताबिक वर्दी का बिल देने पर वार्षिक आधार पर 5280 रुपये तक का भुगतान एक साथ किया जाएगा।

ग्रेच्युटी की सीमा भी बढ़ी

वित्त विभाग ने प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ही न्यायिक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ा दिया है। इसमें पांच लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई है। वर्तमान में ग्रेच्युटी 20 लाख रुपये ग्रेच्युटी है लेकिन पहली जनवरी 2025 से 25 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिल सकेगी। इस तरह ग्रेच्युटी में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

जानिए क्या होता है ग्रेच्युटी

  • ग्रेच्युटी, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रिटायरमेंट पर दिया जाने वाला एक लाभ है। किसी भी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है।
  • अपने पद से त्यागपत्र देने पर या सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद कर्मचारियों को ग्रेच्युटी आर्थिक सहायता के तौर पर दी जाती है।
  • सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक सहायता मिलेगी, ताकि भविष्य में उन्हें किसी समस्या का सामना ना करना पड़े।
  • पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 के तहत जिस भी कंपनी में 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं उसे अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना होता है।
  • आमतौर पर यह पैसा तब मिलता है जब वो कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या फिर वह रिटायर होता है।
  • कंपनी में कार्य करते समय अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ग्रेच्युटी की रकम नॉमिनी को मिलती है। यहां 5 साल का नियम लागू नहीं होता है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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