दुनिया के सबसे छोटे हाइट के डॉक्टर है डॉ. गणेश बारैया, जानें उनके संघर्ष से सफलता की कहानी

आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है जिसे डॉक्टर बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा। डॉ. गणेश बारैया जिन्हें दुनिया के सबसे छोटे कद के डॉक्टर होने का नाम मिला। जानेंगे उनके संघर्ष की कहानी।

Saumya Srivastava
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Ganesh Baraiya Success Story: डॉक्टर बनने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता है। अच्छे नंबर लाने से लेकर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने तक बहुत मेहनत लगती है। लेकिन आज हम आपको ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिसे डॉक्टर बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा। डॉ. गणेश बारैया जिन्हें दुनिया के सबसे छोटे कद के डॉक्टर होने का नाम मिला। उनको डॉक्टर बनने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।

दुनिया के सबसे छोटी हाइट के डॉक्टर

डॉ. गणेश बरैया का जन्म भावनगर जिले गोरखी गांव में हुआ था। 23 साल के गणेश बरैया ने भारत का गौरव बढ़ाया है। वो दुनिया के सबसे छोटे हाइट के डॉक्टर है। गणेश की लंबाई तीन फीट और वजन 18 किलो का है। MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद फिलहाल गणेश इंटर्नशिप कर रहे है।

हाइट की वजह से MCI ने एडमिशन देने से किया इनकार

डॉ. गणेश MBBS की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंटर्नशिप में लगे है। वो अपने आगे की पढ़ाई चिकित्सा बाल रोग, त्वचा विज्ञान या मनोरोग के क्षेत्र में करना चाहते है। गणेश कहते है कि उनकी हाइट की वजह से MCI (Medical Council of India ) ने उन्हें MBBS में एडमिशन देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने पहले उच्च न्यायालय फिर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

हाईकोर्ट में हारे, सुप्रीम कोर्ट से राहत

डॉ. गणेश बरैया ने बताया कि उनकी कम ऊंचाई की वजह से MCI ने एडमिशन नहीं दिया। MCI के फैसले को गणेश ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। यहां पर वो हार गए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया। जहां पर सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए कहा कि हाइट कम होने के बावजूद मेडिकल फील्ड में पढ़ाई के लिए एडमिशन मिल सकता है। जिसके बाद उन्होंने अपनी MBBS की पढ़ाई पूरी की।

ताइवान की राष्ट्रपति से मिल चुका हैं सम्मान

डॉ. गणेश बरैया को ताइवान के राष्ट्रपति ने सम्मानित किया है। इसके साथ राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से भी वो समय समय पर सम्मानित होते रहे है। सामाजिक या अन्य कार्यक्रमों में भी उनके सफलता पर उन्हें सम्मानित किया जाता है।


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Saumya Srivastava

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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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