ED ने क्यों की एमवे इंडिया की संपत्ति कुर्क, जानें वजह

Amit Sengar
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नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डायरेक्ट सेलिंग कंज्यूमर गुड्स कंपनी एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (Amway India) की 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत की है, जिसकी जांच में खुलासा किया कि एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क के जरिए पिरामिड फ्रॉड (Pyramid Fraud) चला रहा है।

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आपको बता दें कि ईडी ने कार्रवाई एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की अस्थायी रूप से संलग्न संपत्तियों में तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में भूमि और कारखाना भवन, संयंत्र और मशीनरी, वाहन, बैंक खाते और सावधि जमा शामिल हैं। ईडी ने बताया कि एमवे की 411.83 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति और के 36 अलग-अलग खातों में जमा 345.94 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस अटैच किया गया है।

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ईडी ने कहा कि कंपनी एक बहु-स्तरीय विपणन “घोटाला” चलाने का आरोप लगाया, जहां कंपनी द्वारा पेश किए गए अधिकांश उत्पादों की कीमतें “खुले बाजार में उपलब्ध प्रतिष्ठित निर्माताओं के वैकल्पिक लोकप्रिय उत्पादों की तुलना में अत्यधिक” थीं।

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यह व्यापार का ऐसा मॉडल है जिसमें कंपनी सीधे सामान बेचने की बजाए लोगों को इस वादे पर शामिल करती है कि अगर वो अपनी तरह और सदस्य बनाएंगे तो उन्हें कमीशन दिया जाएगा। ऐसे में कंपनी से जुड़ने वाले नए सदस्यों का फोकस उत्पादों का उपयोग करना नहीं बल्कि सदस्य बनाकर सीधे अमीर बनने पर होता है। इस तरह एक ग्राहक अपने साथ अन्य ग्राहक को जोड़कर पिरामिड बनाता जाता हैं, इस स्कीम में ग्राहकों को सामान की बिक्री पर कमीशन मिलता है। इस पिरामिड चेन में शामिल लोग कंपनी के महंगे प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए इसके खूब फायदे बताते हैं. डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की प्रमुख कंपनियों में एमवे की की गिनती होती है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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