प्रदेशभर में हजारों की संख्या में आंगनबाड़ी सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं द्वारा हड़ताल किया जा रहा है। दरअसल राज्य शासन से उनके मानदेय को बढ़ाने की मांग की जा रही है। आज हड़ताल का 22 वां दिन है। कोरबा, छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने की वजह से लाखों हितग्राहियों को पोषण आहार वितरण की व्यवस्था बंद कर दी गई है। स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा, वह हड़ताल वापस नहीं लेंगे।
विभाग संयुक्त संचालक द्वारा प्रस्ताव तैयार
इसी बीच वेतन विसंगति को दूर करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग संयुक्त संचालक द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है। जारी प्रस्ताव में कार्यकर्ताओं के मानदेय को 4630 रूपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है जबकि सहायिकाओं के मानदेय वे ₹6450 रूपये तक की वृद्धि की बात कही गई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक द्वारा वेतन वृद्धि की मांग राज्य शासन से की गई है। यदि उनके प्रस्ताव को मानने किया जाता है तो कार्यकर्ताओं के मानदेय बढ़कर ₹11130 जबकि सहायिकाओं के मानदेय बढ़कर 9700 रुपए प्रतिमाह हो जाएंगे।
लगातार बढ़ती जा रही कुपोषित बच्चे की संख्या
इससे पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका संघ के जिला अध्यक्ष का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, वह हड़ताल से वापस नहीं लौटेंगे। पोषण का आहार वितरण न होने की वजह से कुपोषित बच्चे की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दिसंबर 2022 तक मध्यम कुपोषित बच्चों की संख्या 16342 थी, जो बढ़कर 20658 पहुंच गई है। गंभीर कुपोषित बच्चों की संख्या 3678 से बढ़कर 4256 हो गई है।
इससे पहले आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरण के लिए रेडी टू ईट पैकेट का खेप परियोजनाओं में लाकर रखा गया है। इसका लाभ शिशुवती माता, गर्भवती और 2 वर्ष से कम आयु के बच्चे को प्रदान किया जाता है। संवेदनशील मामले होने पर वितरण के लिए जिला प्रशासन की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। वही पोषण आहार की उपयोगिता 3 माह के भीतर करना अनिवार्य होता है अन्यथा समय सीमा के बाद पोषण आहार हितग्राहियों तक नहीं पहुँच रहें। इसके खराब होने के भी आसार हैं।
मामले में महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी प्रीति खोखर का कहना है कि पोषण आहार वितरण की व्यवस्था के लिए परियोजना अधिकारियों से बात की गई है। हालांकि आंगनबाड़ी केंद्रों की सभी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के पास होने की वजह से वितरण व्यवस्था में खलल पड़ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही राज्य शासन द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि की घोषणा की जा सकती है।