अमृतसर, डेस्क रिपोर्ट। राज्य सरकार द्वारा एक बार फिर से कर्मचारियों (Employees)-कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाए (Retirement Age hike) जाने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। दरअसल गैर सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के प्रबंधन संघ द्वारा कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की मांग की गई है। इस दौरान शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष निर्धारित करने के संबंध में संघ द्वारा सरकार की अधिसूचना की निंदा भी की गई।
संघ ने कहा कि शिक्षक एक अनिवार्य मानव संसाधन है और उसकी सेवाओं का उपयोग लंबे समय तक लिया जाना चाहिए। ऐसे में रविवार को महासंघ के अध्यक्ष राजेंद्र मोहन सिंह छीना की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कॉलेज शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष करने की मांग की गई है।
हालांकि इससे पहले पंजाब यूनिवर्सिटी को सेंट्रल स्टेटस दिए जाने का चैप्टर फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया है। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की रिटायरमेंट उम्र सीमा से बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने और नया वेतनमान लागू करने का मामला भी ठंडे बस्ते में नजर आ रहा है।
इससे पहले सेंट्रल यूनिवर्सिटी स्टेटस मिलने की आस कॉलेज शिक्षकों द्वारा लगाई गई थी। उनका मानना था कि सेंट्रल स्टेटस मिलने के बाद प्रोफेसर की रिटायरमेंट उम्र बढ़ सकती है। अब एक बार फिर से इस मुद्दे पर विराम लगते ही प्रोफेसर के लिए सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष निर्धारित कर दी गई है।
इसके साथ ही फेडरेशन द्वारा ग्रांट इन एंड स्कीम को पूरी तरह लागू करने की भी मांग की गई है। कार्यकारिणी सदस्य द्वारा सातवें पे कमीशन के अनुसार कॉलेज अध्यापकों की तनख्वाह संशोधन संबंधित जारी नोटिफिकेशन पर भी विचार विमर्श किया गया। जिसके बाद फेडरेशन ने नोटिफिकेशन की धारा 13 आईआई के संबंध में सरकार को कॉलेज अध्यापकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने की मांग की है।
इसके अलावा उच्च शिक्षा विभाग को निजी कॉलेज को मल्टीपल फैकल्टी कॉलेज में बदलने और b.ed कॉलेज को भी नई शिक्षा नीति के तहत प्रबंधन द्वारा संचालित डिग्री कॉलेज में शामिल करने की अपील की गई है।