Exit Poll : बीते दिन, यानी 1 जून को लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण का मतदान 6.30 बजे शाम को समाप्त हो गया। जिसके बाद, एग्जिट पोल्स के आने का शिलशिला शुरू हो गया। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर यह एग्जिट पोल होता क्या है? इसको लेकर क्या नियम है? यदि आपके मन में भी इसे लेकर यहीं सवाल उठते हैं तो चलिए आज इसके बारे में हम डिटेल में बात करते हैं।
सबसे पहले जानिए क्या होते हैं एग्जिट पोल?
दरअसल एग्जिट पोल चुनाव के बाद की एक प्रक्रिया होती है जिसमें विजेताओं और उनके जीत के अंतर की भविष्यवाणी की जाती है। इस प्रक्रिया में, न्यूज चैनल और अन्य एजेंसियां वोटिंग के बाद समाप्त होने वाले वोटर्स के फीडबैक पर आधारित जानकारी जुटाती हैं। जानकारी के अनुसार यह सर्वेक्षण विभिन्न चुनावी क्षेत्रों में चुनावी वातावरण का मूल्यांकन करने में मदद करता है। हालांकि, इस प्रक्रिया का पूर्वानुमान बाद में आने वाले वास्तविक परिणामों से मेल नहीं खा सकता। लेकिन इससे ज्यादातर समय यह जानकारी मिल जाती है कि किसका पलड़ा भारी दिखाई दे रहा है।
भारत में कब से शुरू हुआ एग्जिट पोल?
भारत में पहला एग्ज़िट पोल शुरू होने का इतिहास 1957 में दर्ज है। जानकारी के अनुसार उस समय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने दूसरे लोकसभा चुनाव के दौरान पोस्ट-पोल सर्वेक्षण का आयोजन किया था। इस नई प्रक्रिया ने चुनावी प्रक्रिया में नई दिशा देने का काम किया था और वोटरों के मनोबल की गहराई को जानने में मदद की थी। जिसके बाद आज भी एग्जिट पोल पर लोगों द्वारा बड़ा भरोसा किया जाता है।
भारत में इसे लेकर है कड़े नियम :
दरअसल भारत में, एग्जिट पोल को लेकर चुनाव आयोग ने कुछ नए नियम अपनाए हैं। पिछले कुछ सालों में, चुनावी चरणों के बीच मीडिया द्वारा एग्जिट पोल दिखाने पर आपत्तियों का सामना किया गया था। इसके बाद, चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के लिए निर्देशिका जारी की है। इसमें यह शर्त रखी गई है कि कोई भी संस्था सिर्फ आखिरी चरण के चुनाव के बाद ही एग्जिट पोल का प्रसारण कर सकती है। इसके अलावा, चुनावी आयोग एग्जिट पोल के बारे में किसी भी प्रकार की बहस पर कार्रवाई कर सकता है।
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के निर्देशों के अनुसार, चुनाव दिवस के अंतिम वोटिंग घंटे के 30 मिनट बाद ही एग्जिट पोल दिखाया जा सकता है, जो टीवी चैनल्स या डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से होता है। इसके अलावा, एग्जिट पोल डेटा को शाम 6:30 बजे से पहले जारी नहीं किया जाता है। यह नियम चुनावी प्रक्रिया की निष्ठावानीता और उचितता को सुनिश्चित करने के लिए है।