मशहूर अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने नए कृषि कानून का किया समर्थन, कहा- किसानों को मिलेगा बड़ा मार्केट

Gaurav Sharma
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में नए कृषि कानून (New agricultural laws) के खिलाफ विरोध किया जा रहा है। जो दिन-ब-दिन बढ़ने लगा है। इसमें कृषि कानून (agricultural laws) को लेकर किसान अपने आंदोलन (Peasant movement) से पीछे हटने को ही तैयार नहीं है। इसी कड़ी में कृषि कानूनों के समर्थन (Support for agricultural laws) में मशहूर अर्थशास्त्री (Famous economist) मैदान में उतरी है, जिन्होंने बताया कि किसानों को इससे क्या फायदा मिलेगा। गीता गोपीनाथ (economist Geeta Gopinath) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) की एक मशहूर अर्थशास्त्री (Famous economist) है। उन्होंने कहा कि भारत में कृषि और बुनियादी ढांचे में सुधार की जरूरत है, नया कृषि कानून (New agricultural law) खासतौर पर मार्केटिंग (Marketing) से संबंधित है।

नए कृषि कानून से किसानों को मिलेगा बड़ा बाजार

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।