मणिपुर घटना पर भड़के आशुतोष राणा, याद दिलाया- स्त्री के अपमान की कीमत मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है

Atul Saxena
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Nude parade of two women in Manipur : मणिपुर से आये दो महिलाओं के साथ अमानवीय कृत्य और यौन शोषण वाले वीडियो ने देश में गुस्सा भर दिया है, सोशल मीडिया पर यूजर्स इसकी निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, फिल्म एक्टर आशुतोष राणा वायरल वीडियो को देखकर बहुत आक्रोशित हैं, उन्होंने ट्वीट किया – जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है। वहीं कवि डॉ कुमार विश्वास ने भी घटना को लेकर ट्वीट किया, डॉ विश्वास ने एक शायर का शेर लिखते हुए मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से इस्तीफा माँगा और राजनीतिक पार्टियों को भी आड़े हाथ लिया ।

पीएम मोदी बोले – मणिपुर घटना के दोषी बचेंगे नहीं  

मणिपुर का एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया, पिछले करीब 80 दिनों से जारी हिंसा के बीच दो महिलाओं की नग्न परेड के वीडियो ने देश को शर्मसार कर दिया, वीडियो में कुछ लोग दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उन्हें खींचकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं इतना ही नहीं महिलाओं के प्राइवेट पार्ट के साथ अश्लील हरकत भी करते दिख रहे हैं, मणिपुर की घटना पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं , पीएम मोदी ने संसद के बाहर मीडिया से कहा कि आज मेरा हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है, इस घटना का गुनहगार बक्शा नहीं जायेगा।

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वायरल वीडियो से देश में गुस्सा, आशुतोष राणा भड़के 

घटना का वीडियो बहुत परेशान करने वाला है सभी समाज में रहने वाला व्यक्ति इस वीडियो को देखते ही गुस्से से लाल हो रहा हैं, फिल्म एक्टर आशुतोष राणा ने ट्वीट कर गुस्से को अपने शब्दों में प्रदर्शित किया , आशुतोष ने लिखा –  इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है। हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान.. आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की भाँति है।

राणा की अपील,  सबको आपसी मतभेद भूलकर राष्ट्र कल्याण के लिए सोचना होगा 

आशुतोष राणा ने कहा कि अब ‘लोकतंत्र’ के चार चरण  विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा तभी वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रलय के ताप से मुक्त कर पाएंगे। अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस व मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक रूप से उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है, सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, पोषण, संवर्धन के लिए वचनबद्ध हैं।

डॉ कुमार विश्वास ने राजनेताओं को घेरा, शेर लिखकर मणिपुर सीएम से माँगा इस्तीफा 

कवि डॉ कुमार विश्वास ने ट्वीट कर गुस्से का इजहार किया , उन्होंने राजनेताओं से सवाल करते हुए ट्वीट किया – एक समाज के रूप में क्या हम सचमुच मर गए हैं? एक पांचाली के चीरहरण से राजवंश नष्ट हो गए और यहाँ पार्टियों के पक्षकार अभी भी अपनी-अपनी दुकानों और मालिकों को जस्टिफ़ाई कर रहे हैं ? पार्टी-प्रवक्ता व अपरोक्ष प्रवक्ता बात घुमा रहे हैं कि “तब क्यूँ नहीं बोले? उस पर क्यूँ चुप हो ? दूसरा पक्ष भी तो देखो “ हद्द है औरत होकर औरतों के प्रति अपराध से आँखें मोड़कर बहाने ढूँढ रही हो ? इतनी गिर गई तुम्हारी दृष्टि? थोड़ी तो शर्म बचा कर रखो, डॉ कुमार विश्वास ने  शायर इरतजा निशात के शेर ““कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है ? कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते?” के साथ मणिपुर केमुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से इस्तीफे की भी मांग की ।

बहरहाल मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनके साथ अमानवीय हरकत करने वाला वीडियो मन को पीड़ा देने वाला और गुस्सा दिलाने वाला है, मणिपुर सरकार को इस पर तुरंत और कड़ा एक्शन लेना चाहिए , दोषियों को गिरफ्तार कर उनपर ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए कि फिर कभी कोई ऐसा करने की सोचे तो उसकी रूह कांप जाये, सभ्य समाज में महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ की इजाजत किसी को नहीं है


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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