नई दिल्ली।
देश की पहली लोकसभा के एकमात्र जीवित बचे सदस्य और बिहार के डुमरांव राज के अंतिम महाराज कमल बहादुर सिंह का निधन हो गया है। वे 93 साल के थे और पिछले छह वर्षों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके पुत्र चंद्रविजय सिंह ने बताया कि रविवार को बक्सर जिले के भोजपुर स्थित कोठी पर उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है, सोमवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
कमल सिंह का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ घनिष्ठ संबंध था। कहा जाता है कि वाजपेयी के प्रभाव के कारण ही उन्होंने जनसंघ की सदस्यता ग्रहण की थी, स्वतंत्रता के बाद शाहाबाद में शिक्षा और सामाजिक विकास में इनका अहम योगदान रहा।कमल सिंह आजादी के बाद पहले आम चुनाव में शाहाबाद से सांसद निर्वाचित हुए थे। साल 1957 में दूसरे आम चुनाव में बक्सर संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां से भी जनता ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा में भेजा।
कमल सिंह देश की पहली लोकसभा में निर्वाचित होने वाले एकमात्र जीवित सदस्य थे। वो दो बार बक्सर से निर्दलीय चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। उन्होंने आरा में महाराजा कॉलेज, राज हाई स्कूल, डुमरांव समेत कई शैक्षणिक, धार्मिक संस्थाएं स्थापित कीं और अस्पताल भी खुलवाए।