नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। महंगाई और जीएसटी (GST) दरों में वृद्धि पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा कार्यवाही के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के चार सांसदों को स्पीकर ओम बिरला ने अनियंत्रित व्यवहार का हवाला देते हुए सस्पेंड कर दिया। इस बीच सांसदों और स्पीकर का भी आमना-सामना हुआ।
निलंबित हुए सांसदों में मनिकम टैगोर, राम्या हरिदास, टीएन प्रतापन और एस जोथिमणि के नाम शामिल है। उनके नाम उस समय सीट पर बैठे राजेंद्र अग्रवाल ने तय किये थे। सांसदों को सदन में तख्तियां दिखाने के लिए नियम 374 के तहत सस्पेंड किया गया।
इसके तुरंत बाद, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शेष सत्र के लिए उनके निलंबन का प्रस्ताव पढ़ा।
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क्या है नियम 374
नियम 374 के अनुसार, अध्यक्ष, यदि आवश्यक समझे, किसी ऐसे सदस्य का नाम बता सकता है जो अध्यक्ष के अधिकार की अवहेलना करता है या सदन के नियमों का उल्लंघन करता है और लगातार और जानबूझकर उसके कार्य में बाधा डालता है।
इसमें ये भी कहा गया है कि – यदि अध्यक्ष द्वारा किसी सदस्य का नाम इस प्रकार रखा जाता है, तो अध्यक्ष, प्रस्ताव किए जाने पर तत्काल यह प्रश्न रखेगा कि सदस्य (ऐसे सदस्य का नाम) को सत्र के शेष से अनधिक अवधि के लिए सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाए। इसका मतलब है कि अध्यक्ष किसी भी ऐसे सदस्य को शेष सत्र या अगले आदेश तक सभा की कार्यवाही से निलंबित कर सकता है।
प्रहलाद जोशी द्वारा पढ़े गए प्रस्ताव में कहा गया है, “इस सदन ने मनिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, एस जोथिमणि और राम्या हरिदास के कदाचार को गंभीरता से लिया है और सदन और अध्यक्ष के अधिकार की पूरी तरह से अवहेलना की है और अध्यक्ष द्वारा नामित किया गया है कि उपर्युक्त सदस्यों को नियम 374(2) के तहत सदन की सेवा से निलंबित कर दिया जाए।”
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प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा गया और ध्वनि मत से पारित किया गया। हालांकि, इसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी थी।