न्यू ईयर में मिलेगा कर्मचारियों को 4% डीए का तोहफा, बढ़कर होगा 46 फीसदी, प्रस्ताव तैयार, सीएम को लेना है अंतिम फैसला, जानें ताजा अपडेट

Pooja Khodani
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DA HIKE

Uttarakhand Employees DA Hike 2023 : उत्तराखंड के लाखों सरकारी कर्मचारियों पेंशनरों के लिए खुशखबरी है। राज्य कर्मचारियों पेंशनरों को नए साल में डीए की सौगात मिल सकती है। खबर है कि वित्त विभाग ने वित्त मंत्री के अनुमोदन के बाद फाइल को मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है, जिस पर अब सीएम पुष्कर सिंह धामी को अंतिम फैसला लेना है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नए साल में कर्मचारियों पेंशनरों को 4 फीसदी डीए की सौगात दी जा सकती है, वही फरवरी से कर्मचारियों पेंशनरों के खाते में बढ़कर राशि आ सकती है।

महंगाई भत्ता में होनी है 4 फीसदी वृद्धि

दरअसल, वर्तमान में राज्य कर्मचारियों पेंशनरों को 42 फीसदी डीए का लाभ दिया जा रहा है । केन्द्र द्वारा 4 फीसदी डीए वृद्धि के बाद अब प्रदेश के 3 लाख से अधिक राजकीय, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं और शहरी निकायों के कार्मिकों व पेंशनर के महंगाई भत्ते को 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत किया जाना है यानि डीए में 4 फीसदी वृद्धि होना है।अगर नई दरें जुलाई 2023 से लागू होती है तो जुलाई से नवंबर तक का एरियर मिलेगा। वही जनवरी की सैलरी में डीए की नई दरें और एरियर का लाभ भी दिया जा सकता है, जो फरवरी में आएगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नही है कि डीए कब से लागू होगा और कब से इसका लाभ मिलेगा।

बीते दिनों परिषद ने की थी सीएम से मुलाकात

बता दे कि हाल ही में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर डीए बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर सीएम ने भी आश्वासन दिया था कि इस पर जल्द विचार किया जाएगा। संभावना जताई जा रही है कि जनवरी में होने वाली कैबिनेट बैठक में डीए वृद्धि के प्रस्ताव को लाकर मंजूरी दी जा सकती है, इसके बाद वित्त विभाग आदेश जारी कर सकता है। डीए के अलावा परिषद ने सीएम के समक्ष पदोन्नति में शिथिलीकरण की व्यवस्था को लागू करने की भी बात रखी थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया था कि कैबिनेट बैठक में शिथिलीकरण का प्रस्ताव लाया जाएगा। हाल ही में इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी  दी गई है और पदोन्नति में शिथिलीकरण के लाभ के आदेश भी शुक्रवार को जारी कर दिए गए है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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