HRA-प्रमोशन और अनुकंपा नियुक्ति पर कैबिनेट का बड़ा फैसला, कर्मचारियों-अधिकारियों को मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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जयपुर,डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में एचआरए भत्ते, प्रमोशन और पे प्रोटेक्शन को लेकर अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।इसके तहत अब सेवानिवृत्त कर्मचारी जिनकी पे-माइनस पेंशन के आधार पर पुनर्नियुक्ति की जाती है, उनको अब  एचआरए सेवानिवृत्ति की दिनांक को उनके द्वारा प्राप्त किए गए अंतिम मूल वेतन पर देय होगा। शहीदों के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति औरपदक विजेता कार्मिकों को मिलेगा पे प्रोटेक्शन का लाभ मिलेगा।

कैबिनेट के बड़े फैसले

पुनर्नियुक्त सेवानिवृत्त कार्मिकों को मूल वेतन पर मिलेगा एचआरए

मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1966 में संशोधन करते हुए सेवानिवृत्त कार्मिकों के हित में अहम फैसला किया है। अब सेवानिवृत्त कर्मचारी जिनकी पे-माइनस पेंशन के आधार पर पुनर्नियुक्ति की जाती है, उनको अब मकान किराया भत्ता (HRA Allowance) सेवानिवृत्ति की दिनांक को उनके द्वारा प्राप्त किए गए अंतिम मूल वेतन पर देय होगा। साथ ही उन्हें चिकित्सा सुविधा आरजीएचएस (RGHS) के अंतर्गत देय होगी।

अधिकारी के पद पर पदोन्नति बाबत संशोधन

  • मंत्रिमंडल ने राजस्थान विधानसभा सचिवालय के अन्वेषण एवं संदर्भ शाखा में प्रमुख अनुसंधान एवं संदर्भ अधिकारी (Pay Level L-18) के पद पर पदोन्नति संबंधित प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। इससे उक्त संवर्ग के अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा।
  • विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु राजस्थान विधानसभा सचिवालय (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम, 1992 दिनांक 04.02.1992 से प्रभावी है। यहां शाखा के संवर्ग में मुख्य अन्वेषण एवं संदर्भ अधिकारी का उच्चतम पद निर्धारित किया हुआ है। इस पद से पदोन्नति के लिए प्राप्त प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया है।
  • इसके लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय सेवा (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम, 1992 की अनुसूची में संशोधन किए गए हैं।

अनुकम्पा नियुक्ति में राहत

  • मंत्रिमंडल ने राजस्थान शहीद रक्षा कार्मिकों के आश्रितों की नियुक्ति नियमों में अहम संशोधन कर राहत प्रदान की है।
  • राजस्थान शहीद रक्षा कार्मिकों के आश्रितों की नियुक्ति नियम, 2018 को निरस्त कर नये नियम ‘राजस्थान शहीद रक्षा कार्मिकों के आश्रितों की नियुक्ति नियम, 2022‘ को स्वीकृति दी गई है।अभी तक 15 अगस्त 1947 से 31 दिसंबर 1970 की अवधि के शहीदों के एक आश्रित को राजकीय सेवा में नियोजित करने का प्रावधान है।
  • इसे अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 1971 तक की अवधि कर दी गई है। इससे 1971 के युद्ध में शहीद हुए जवानों के परिजनों को भी लाभ मिल सकेगा।
  • अब कुटुम्ब के सदस्य के रूप में शहीद की पत्नी, पुत्र/दत्तक पुत्र, पुत्री/दत्तक पुत्री, पौत्र/दत्तक पौत्र, पौत्री/दत्तक पौत्री के साथ-साथ नवासा/दत्तक नवासा, नवासी/दत्तक नवासी को और शहीद अविवाहित होने पर भाई या बहन, भाई का पुत्र/पुत्री, बहन का पुत्र/पुत्री को भी आश्रित श्रेणी में शामिल किया गया है।
  • अब राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों के अनुकम्पा नियुक्ति नियम, 1966 के अनुरूप ही शहीद आश्रितों को भी उक्त नियमों में अधीनस्थ सेवाओं/मंत्रालयिक सेवाओं एवं चतुर्थ श्रेणी की सेवा के सीधी भर्ती के पे-लेवल 1 से 10 तक के पदों पर नियुक्ति मिल सकेगी।

राज्य में पे-प्रोटेक्शन

मंत्रिमंडल ने ‘राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मेडल विनर्स रूल्स 2017‘ में संशोधन किया है। इससे राजस्थान राज्य के निवासी जो किसी अन्य राज्य अथवा केंद्र सरकार में अधिकारी/कर्मचारी है, उन्हें खेलों में पदक जीतने पर राज्य में पे-प्रोटेक्शन मिलेगा।

 

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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