सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, जनवरी से मिलेगा पेड लीव का लाभ, ये रहेंगे नियम-शर्तें

Pooja Khodani
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Government Employees 2023: सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। यूएई की सरकार ने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला लिया है। नए साल में संयुक्त अरब अमीरात में अपना बिजनेस शुरू करने की इच्छा रखने वाले कर्मचारियों को तोहफा दिया है। इसके तहत कर्मचारियों को बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार साल की सबैटिकल लीव देगी यानी कर्मचारी एक साल बाद चाहें तो नौकरी भी ज्वाइन कर सकते हैं।

 

इस दौरान कर्मचारियों को उनके वेतन की आधी राशि का भुगतान किया जाएगा। वहीं, कर्मचारी इस छुट्टी को अनपेड लीव और ऐन्यूअल लीव के साथ जोड़ सकेंगे। द खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह योजना 2 जनवरी से शूरू होगी।खास बात ये है कि यह दुनिया में सरकारी कर्मचारियों के लिए पहला प्रयोग है, जिसमें उन्हें पेड लीव का लाभ मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस पहल से ना सिर्फ बिजनेस को प्रोत्साहन मिलेगा बल्की रोजगार के अवसर भी खुलेंगे।

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कॉन्सेप्ट पहली बार जुलाई में संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम द्वारा प्रस्तावित किया गया था। इस योजना का लक्ष्य युवाओं को यूएई द्वारा पेश किए गए व्यावसायिक अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना है। यह “Projects of the 50” के तहत एक पहल है और दुनियां में अपनी तरह का पहला है। कहा गया है कि इस दौरान अमीरातियों को आधा वेतन मिलेगा।

करना होगा नियम-शर्तों का पालन

  •  फेडरल अथॉरिटी के हेड के द्वारा यह छुट्टी स्वीकार की जाएगी। हालांकि, इसके लिए कुछ नियम और शर्तों को मानना अनिवार्य होगा।
  • इससे जुड़े नियम और शर्तों को Federal Authority for Government Human Resources के वेबसाइट पर जाना जा सकता है।
  • कर्मचारी अपने Entrepreneurship Leave का लाभ उठा सकते हैं।
  • सबैटिकल लीव के दौरान कर्मचारियों को आधी सैलरी मिलेगी, हालांकि छुट्टी संघीय एजेंसी के प्रमुख द्वारा स्वीकृत होनी जरूरी है।
  • फेडरल अथॉरिटी फॉर गवर्नमेंट ह्यूमन रिसोर्सेज की वेबसाइट, http://www.fahr.gov.ae पर संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों को बिजनेस लीव लेने के लिए योग्यताएं भी दी गई हैं।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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