Government Employees Officers : एक तरफ उत्तराखंड सरकार ने स्थानांतरण सत्र 2023-24 में अनिवार्य तबादलों की सीमा 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी है, वही गंभीर रूप से बीमार लोकसेवकों के लिए कुछ छूट भी दी गई है। वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार नई तबादला नीति लाने की तैयारी में है।खबर है कि कार्मिक विभाग ने इसे तैयार कर लिया है और सीएम की मंजूरी के बाद इसे कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। यहां से हरी झंड़ी मिलते ही नई पॉलिसी लागू हो जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्ष 2022-23 की स्थानांतरण नीति की समयावधि समाप्त होने के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों के लिए नई स्थानांतरण नीति लाने जा रही है। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने स्थानांतरण नीति का ड्राफ्ट तैयार कर मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा है। यहां से मंजूरी के बाद नई नीति को कैबिनेट में रखा जाएगा और यहां से हरी झंड़ी मिलते ही तबादलों की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह नीति एक साल के लिए होगी।
30 जून तक भरे जा सकते है आवेदन
सूत्रों की मानें तो नई ट्रांसफर पॉलिसी में सरकारी कर्मचारियों के तबादलों के लिए एक माह की समयावधि निश्चित करने का प्रस्ताव है। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय उच्च स्तर पर लिया जाएगा। वही राज्य की तैयारी है कि नई स्थानांतरण नीति को इसी माह के अंत या फिर पहली जून से लागू कर दिया जाए, ताकी कर्मचारियों को भी लाभ मिल सके। इसके तहत कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले 30 जून तक किए जाएंगे। हालांकि सीएम की अनुमति से समय सीमा में भी बदलाव हो सकता है।इसके अलावा तबादला रुकवाने या फिर कार्यभार ग्रहण करने में देरी करने वाले कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
नई प्रस्तावित तबादला नीति के अनुसार,
- समूह ‘क’ और ‘ख’ के अधिकारियों के जिले में तीन वर्षऔर मंडल में सात वर्ष पूरे होने पर तबादले किए जाएंगे।
स्थानांतरित किए जाने वाले समूह ‘क’ और’ख’ के अधिकारियों की संख्या संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की कुल संख्या का अधिकतम 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
- समूह ‘ग’ और ‘घ’ के कार्मिकों के स्थानांतरण के संदर्भ में यह संख्या संवर्गवार कार्यरत कार्मिकों की संख्या का अधिकतम 40 प्रतिशत रखने की योजना है। समूह ‘ख’ और ‘ग’ के कार्मिकों के स्थानांतरण यथासंभव मेरिट के आधार पर ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर करने का प्रस्ताव है। पुरानी नीति की तरह इस साल भी हर तीन साल पर समूह ‘ग’ के कार्मिकों का पटल-क्षेत्र परिवर्तन किया जाएगा। मतलब एक ही पटल पर कोई कर्मचारी तीन साल से है तो उसका पटल बदल दिया जाएगा।
- केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश में घोषित किए गए 8 आकांक्षी जिलों चित्रकूट, चंदौली, सोनभद्र,
फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच और बुंदेलखंड के सभी सात जिलों झांसी,
ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट व महोबा में हर विभाग को सभी पदों पर प्रत्येक दशा में तैनाती करते हुए उन्हें भरना अनिवार्य किया जाएगा।
- तबादले में ऑनलाइन को अधिक महत्व दिया जाएगा, इसीलिए सभी विभागों को यह भी
निर्देश दिया जाएगा कि अधिकारियों और कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन फीड कर लिया जाए,
जिससे साफ्टवेयर के आधार पर तबादला किया जाएगा।