प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सीटों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, इन्हें मिलेगा लाभ

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार (Modi Government) ने मेडिकल कॉलेज (Medical College) के छात्रों को बड़ी रहत देते हुए आज सोमवार को घोषणा की कि अब प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बराबर फ़ीस लगेगी। प्रधानमंत्री जन औषधि दिवस पर सम्बोधित कर रहे थे।

पिछले लम्बे समय से मेडिकल कॉलेजों की फ़ीस कम किये जाने की मांग उठ रही थी, मांग के बाद मोदी सरकार की तरफ से भी संकेत मिल रहे थे कि सरकार ये निर्णय ले सकती है और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनऔषधि दिवस के मौके पर इसकी घोषणा कर दी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है जिसका बड़ा लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चो को मिलेगा।  हमने तय किया है कि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में आधी सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के बराबर फ़ीस लगेगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य को देखते हुए हमारी सरकार हेल्थ इंफ्रास्टक्चर को मजबूत कर रही है। आजादी के कई दशकों बाद भी केवल एक एम्स था लेकिन इस समय 22 एम्स हैं।  पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज हो।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश में साढ़े आठ हजार से ज्यादा जन-औषधि केंद्र खुले हैं। ये केंद्र अब केवल सरकारी स्टोर नहीं, बल्कि सामान्य मानव के लिए समाधान केंद्र बन रहे हैं। जन-औषधि केंद्र तन को औषधि देते हैं, मन की चिंता को कम करने वाली भी औषधि हैं और धन को बचाकर जन-जन को राहत देने वाले केंद्र भी हैं। दवा का पर्चा हाथ में आने के बाद लोगों के मन में जो आशंका होती थी कि, पता नहीं कितना पैसा दवा खरीदने में खर्च होगा, वो चिंता कम हुई है।

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उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कैंसर, टीबी, डायबिटीज, हृदयरोग जैसी बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी 800 से ज्यादा दवाइयों की कीमत को भी नियंत्रित किया है। सरकार ने ये भी सुनिश्चित किया है कि स्टंट लगाने और Knee Implant की कीमत भी नियंत्रित रहे।

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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