अच्छी खबर : अब कुंवारों को पेंशन देगी सरकार, मुख्यमंत्री ने लिया फैसला

Atul Saxena
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Pension Scheme for Unmarried : देश के कई राज्यों की सरकारें अलग अलग तरह की पेंशन देती हैं जिससे समाज के अलग अलग वर्ग लाभान्वित होते हैं लेकिन हरियाणा की खट्टर सरकार ऐसी पहली सरकार बनने जा रही है जो अपने राज्य के कुंवारों को पेंशन देगी,  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसका ऐलान किया है।

कुंवारों को पेंशन देने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य 

जी हाँ आपने सच ही पढ़ा, अब हरियाणा की सरकार कुंवारों को हर महीने एक निश्चित राशि पेंशन के रूप में देगी, खट्टर सरकार ने 45 से 60 साल तक  राज्य के निवासी अविवाहित पुरुषों और महिलाओं को पेंशन देने का फैसला लिया है। ऐसा कर हरियाणा कुंवारों के लिए ऐसी पेंशन योजना लाने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है।

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60 साल के बुजुर्ग की मांग पर सीएम ने लिया ये फैसला   

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान एक 60 साल के अविवाहित बुजुर्ग ने इसकी मांग की थी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की उसकी ये मांग वाजिब लगी और उन्होंने  राज्य में रहने वाले कुंवारों को ये विशेष तोहफा दे दिया।

पेंशन की पात्रता के लिए इतनी होनी चाहिए सालाना इनकम 

अभी जो जानकारी सामने आई है उसमें हरियाणा सरकार ने तय किया है कि 45 से 60 साल के ऐसे अविवाहित लोग (महिला , पुरुष) जिनकी सालाना इनकम 1.80 लाख से कम होगी, वे ही इस पेंशन योजना के लिए पात्र होंगे, हरियाणा CM ऑफिस की तरफ से तैयार रिपोर्ट के मुताबिक इस स्कीम से हरियाणा में सवा लाख कुंवारों को पेंशन का लाभ मिलेगा।

1 महीने के अन्दर मिलने लगेगी कुंवारों को पेंशन 

सरकार ने इस नई योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है अनुमान है कि हरियाणा में अगले 1 महीने के अंदर इस योजना को लागू कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि हरियाणा में अभी बुढ़ापा, विधवा, दिव्यांग पेंशन दी जाती है, इसके साथ ही बौने, किन्नरों को भी आर्थिक सहायता दी जाती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार कुंवारों को 2,750 रुपये महीना पेंशन दे सकती है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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