Old Pension Scheme : देश में पुरानी पेंशन योजना की मांग तेज हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के दिए फैसले पर फिलहाल कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। वहीं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। हाई कोर्ट द्वारा कर्मचारियों के लिए 8 सप्ताह में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के निर्देश दिए गए थे। 11 जनवरी को यह फैसला सुनाया गया था। हालांकि अब तक केंद्र सरकार द्वारा अपने निर्णय के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
हाई कोर्ट का फैसला
जिसे लेकर कर्मचारी उग्र हो गए हैं और 14 फरवरी को जंतर मंतर पर रैली का आयोजन करने वाले हैं। दरअसल इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 11 जनवरी को एक ऐतिहासिक फैसला दिया गया। जिसमें कहा गया कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भारतीय संघ के सशस्त्र बल का हिस्सा माना जाए और इन बलों के लिए एनपीएस को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही गई थी। इसके साथ ही सीएपीएफ कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को 8 सप्ताह के भीतर लागू करने के निर्देश दिए गए थे। इतना ही नहीं अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि चाहे कोई भी कभी भी भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुई है, आने वाले समय में भर्ती होगा। सभी जवान और अधिकारी पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में ही आएंगे।
सरकार को चेतावनी
फिलहाल हाईकोर्ट के फैसले पर अभी तक मोदी सरकार द्वारा कोई महत्वपूर्ण नहीं किया गया है। जिस पर अब फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलेट्री फोर्स एंड मार्टीर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा सरकार को चेतावनी दी गई है। उन्होंने कहा है कि यदि capf में पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की जाती है तो 20 लाख से अधिक पैरामिलिट्री परिवार होली नहीं मनाएंगे। 14 फरवरी को जंतर मंतर पर रैली का आयोजन किया जाएगा। वही एसोसिएशन ने यह भी कहा है कि केंद्र सरकार दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अगर सुप्रीम कोर्ट जाती है तो यह जवानों के बलिदान का भी अपमान होगा।
संसद में गूंजा मामला
इससे पहले संसद में भी पुरानी पेंशन योजना के मामले को उठाया गया था। हरियाणा के राज्य मंत्री सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने संबंध में नोटिस दिया था।। जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार को बलों के लिए अविलंब तौर पर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाना चाहिए। वही ओवैसी ने भी सोमवार को पुरानी पेंशन योजना को लेकर सवाल पूछा था। जिस पर जवाब देते हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड ने स्पष्ट किया था कि इन बलों के लिए फिलहाल एनपीएस लागू है, उन्हें पेंशन स्कीम के सभी लाभ बताए गए हैं। भागवत करार ने कहा कि 2004 के बाद भर्ती हुए सभी कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम लागू की गई है। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा 11 जनवरी को फैसले पर बोलते हुए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि यह केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत पॉलिसी मैटर है।
14 फरवरी को दिल्ली में रैली
वहीं 14 फरवरी को दिल्ली में होने वाली रैली पर बोलते हुए एसोसिएशन के महासचिव रणवीर सिंह ने कहा है कि देश के सभी हिस्से से हजारों की संख्या में पैरामिलिट्री परिवार दिल्ली की ओर कूच करेंगे। 11 जनवरी को अपने फैसले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भारतीय संघ के सशस्त्र बल का हिस्सा माना गया है। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि सभी अधिकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए। ऐसे में अब तक केंद्र सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जबकि हाई कोर्ट द्वारा दिए गए समय की अवधि होली के दिन खत्म हो रही है। ऐसे में कर्मचारी सरकार तक अपनी बात रखेंगे और 20 लाख पैरामिलिट्री परिवार पुरानी पेंशन बहाल नहीं होने की स्थिति में होली नहीं मनाएंगे।