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Mon, Dec 8, 2025

Amit Shah Birthday: “13 साल की उम्र में चिपकाए पोस्टर..” आज राजनीतिक दुनिया के चाणक्य और देश के गृहमंत्री की संभाल रहे कमान, पढ़ें अमित​ शाह के संघर्ष की पूरी कहानी

Written by:Shyam Dwivedi
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का आज जन्मदिन है। 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में जन्में अमित शाह आज 61 वर्ष के हो गए हैं। उनके जन्मदिन पर जहां देश-विदेश से बधाईयां दी जी रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमित शाह को जन्मदिन की बधाई दी। अमित शाह मोदी के नेतृत्व में कई मुद्दों पर बड़े और गंभीर कदम उठाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। चलिए आज उनके जन्मदिन पर अमित शाह के राजनीतिक सफर के संघर्ष के बारे में जानते हैं।
Amit Shah Birthday: “13 साल की उम्र में चिपकाए पोस्टर..” आज राजनीतिक दुनिया के चाणक्य और देश के गृहमंत्री की संभाल रहे कमान, पढ़ें अमित​ शाह के संघर्ष की पूरी कहानी

Bihar Election 2025

22 अक्टूबर 1964 को मुंबई में रहने वाले एक गुजराती दंपत्ति कुसुम बेन और अनिलचंद्र शाह के घर जन्मे भारत के गृह मंत्री अमित शाह का आज 61वां जन्मदिन है। देश दुनिया के कई ​नेता अमित शाह को जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। अमित शाह को सियासी दुनिया का चाणक्य भी कहा जाता है। 2014 में जब देश में बीजेपी की सत्ता आना इसके पीछे अमित शाह की रणनीति का काफी महत्व था। चलिए आज हम जानते हैं अमित शाह के जीवन और उनके राजनीतिक संघर्ष से जुड़े कुछ अहम किस्से..

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए अमित शाह को जन्मदिन की बधाई दी है। पीएम मोदी ने लिखा “गृह मंत्री अमित शाह जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ। जनसेवा के प्रति उनके समर्पण और परिश्रमी स्वभाव के लिए वे सर्वत्र प्रशंसित हैं। उन्होंने भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा एवं सम्मानपूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। मैं उनके दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना करता हूँ।”

अमित शाह की शिक्षा

अमित शाह के दादाजी बड़ौदा राज्य की एक छोटी सी रियासत मानसा में नगर सेठ थे। 16 साल की आयु तक अमित शाह भी मानसा में रहे। यहीं पर उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। युवा शाह की प्रारंभिक शिक्षा गायकवाड़ राज्य के प्रमुख विद्वानों की देखरेख में ‘भारतीय मूल्य परंपरा’ के अनुसार हुई। उन्हें बचपन में भारतीय शास्त्र, ऐतिहासिक ग्रंथ, व्याकरण और महाकाव्य पढ़ाए गए थे। उन्होंने बाद के वर्षों में भी भारतीय दर्शन और ग्रंथों का अध्ययन जारी रखा। अमितभाई अनिलचंद्र शाह का परिवार उनकी प्राथमिक शिक्षा पूरी होने के बाद अहमदाबाद आ गया। उनकी माँ का उनके जीवन पर गहरा प्रभाव था।

13 वर्ष की उम्र में सेवा यात्रा की शुरुआत

जब देश बुरे हालातों गुजर रहा था तब 13 साल की उम्र में अमित शाह ने अपनी सेवा यात्रा की शुरुआत की। आपातकाल के दौरान 1977 के आम चुनावों के समय शाह अपनी कम उम्र के बावजूद, उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की पुत्री, चुनावी उम्मीदवार मणिबेन पटेल के लिए पोस्टर-स्टिकर लगाकर चुनाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया। वह उस समय जनसंघ की ओर से मेहसाणा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही थीं।

अमित शाह की पीएम मोदी से मुलाकात

अमित शाह बिना किसी हिचकिचाहट के ​जनसंघ के लिए काम कर रहे थे। कांग्रेस विरोधी लहर ने उनके अंदर भी जोश भर दिया था। तभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नजर उन पर पड़ी। संघ ने अमित शाह को संगठन में शामिल कर लिया। जिसके बाद लगातार अमित शाह संगठन के लिए काम करने लगे। बता दें कि संघ में ही अमित शाह की मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई थी तब से दोनों अच्छे मित्र और संगठन के लिए जोरशोर से काम करने लगे।

अमित शाह का राजनीति में प्रवेश

अमित शाह ने साल 1989 में राजनीतिक दुनिया में प्रवेश कर लिया था। जहां उन्होंने सबसे पहले भाजपा की अहमदाबाद इकाई के भाजपा सचिव बने। इसी समय देश में राम आंदोलन की आग सुलग रही थी। इस दौरान अमित शाह ने बीजेपी द्वारा दी गई एकता यात्रा की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। इसके बाद लोकसभा चुनाव का समय आया। तब अमित शाह ने लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने 2009 तक आडवाणी के लोकसभा चुनावों के प्रबंधन की इस जिम्मेदारी को संभाला।

1997 में पहली बार विधायक बने अमित शाह

अमित शाह ने पहली बार विधानसभा का चुनाव 1997 में लड़ा था। इस समय वे बीजेपी के युवा मोर्चा का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के तौर पर काम कर रहे थे। बीजेपी ने अमित शाह पर भरोसा जताकर सरखेज विधानसभा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया और वे 25,000 मतों के अंतर से जीतकर पहली बार विधायक बने। तब से, अमित शाह 2012 तक हर विधानसभा चुनाव जीतते रहे और हर चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़ता ही गया। जब उन्होंने नारनपुरा से पाँचवीं बार विधानसभा चुनाव लड़ा, तो उनकी जीत का अंतर 63235 वोटों का था, जबकि मतदाताओं की संख्या पहले के वर्षों की तुलना में घटकर एक-चौथाई रह गई थी। विधायक के रूप में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान, अमितभाई अनिलचंद्र शाह ने विधायक निधि के अलावा अन्य स्रोतों से भी क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दी।

2014 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने शाह

अमित शाह को 9 जुलाई 2014 को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। उनका पहला कार्यकाल 2020 तक चला। अपने पहले कार्यकाल में, अमितभाई अनिलचंद्र शाह ने नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता को संगठन को मज़बूत करने का माध्यम बनाकर एक के बाद एक कई राज्यों में भाजपा के संगठनात्मक आधार को मज़बूत किया। शाह ने जो पहली पहल की, वह ऐतिहासिक सदस्यता अभियान चलाना था, यह एक बड़ी सफलता थी क्योंकि केवल पाँच महीनों में भाजपा सदस्यों की संख्या 11 करोड़ तक पहुँच गई विभाग और प्रकल्प बनाए।

2017 में राज्यसभा सदस्य चुने गए शाह

विधानसभा में लगातार जीत हासिल करने के बाद साल 2017 में अमित शाह गुजरात से राज्यसभा सदस्य चुने गए। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अमित शाह ने पार्टी की विचारधारा और रणनीति को आगे बढ़ाने के लिए देश के हर राज्य का संगठनात्मक दौरा किया।

अमित शाह का लोकसभा में प्रवेश

अमित शाह ने राजनीतिक दुनिया में कई पदों पर कार्य किया। इसके बाद साल 2019 के लोकसभा चुनावों में अमित शाह को मैदान में उतारा गया। शाह ने 2019 में पहली बार गांधीनगर से लोकसभा चुनाव लड़ा। उन्हें गांधीनगर से शानदार जीत मिली। उन्होंने 70 प्रतिशत वोट हासिल करके अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पर 5 लाख 57 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की।

अनुच्छेद 370 को हटाने में शाह की अहम भूमिका

गृह मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, केंद्र की मोदी सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा को अभेद्य बनाने से जुड़े कई ऐतिहासिक और दशकों पुराने मुद्दों पर समाधानकारी निर्णय लिए हैं। अनुच्छेद 370 को हटाना और नागरिकता संशोधन अधिनियम, गृह मंत्री शाह द्वारा अपने कार्यकाल के शुरुआती कुछ महीनों में लाए गए कई कानूनों में से दो महत्वपूर्ण हैं।