Weapons Import: रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच सालों में भारत ने अपने हथियारों की खरीद को 4.7% तक बढ़ाया है। इसके साथ ही, एशिया में जापान ने अपने हथियारों की आयात में 155% की वृद्धि की है, जबकि चीन में इसमें 44% की कमी देखने को मिली है। वहीं पाकिस्तान ने भी हथियारों की खरीद में अपनी पहचान बनाए रखी है। पाकिस्तान इस सूची में 5वे स्थान पर आया है।
यूरोपीय राज्यों ने हथियारों का आयात 94% तक बढ़ाया:
जानकारी के मुताबिक यूरोप में हथियारों के आयात में दोगुना वृद्धि हुई है, जो 2014-18 की तुलना में 2019-23 में हुई है। हालांकि इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध का भी असर है, जिससे यूरोपीय राज्यों ने हथियारों का आयात 94% तक बढ़ाया है। दूसरी ओर, रूस ने अपने हथियार निर्यात में 2014-18 की तुलना में 2019-23 में 53% की गिरावट देखी है। रूस ने 2019 में 31 देशों को हथियार बेचे थे, जबकि 2023 में इसमें कमी आई और सिर्फ 12 देशों ने हथियार खरीदे। रूस ने पहली बार हथियार निर्यात में तीसरे स्थान पर कदम रखा है।
वहीं फरवरी 2022 से कम से कम 30 देशों ने यूक्रेन को सैन्य सहायता के रूप में मुख्य हथियार आपूर्ति की है, जिससे यूक्रेन ने 2019-23 में यूरोपीय और दुनिया में सबसे बड़े हथियार आयातक के चौथे स्थान पर पहुँचाया है।
दरअसल यह रिपोर्ट बताती है कि हथियारों के व्यापक आयात और निर्यात में वृद्धि और कमी के पीछे यूरोपीय गतिविधियों के क्षेत्र में वृद्धि रही है। रूस की बड़ी गिरावट और यूरोप के वृद्धि का संकेत है कि विवादों और संतुष्टि के क्षेत्र में खतरे के साथ संबंधित समस्याएं बनी हुई हैं। भारत की बढ़ती आयात दर और चीन की कमी सुरक्षिति और रक्षा से जुड़े मामलों की चिंता बढ़ाती है, जबकि जापान की बेहतरीन आर्थिक स्थिति और सुरक्षा के लिए उच्च स्तर की नीतियों का परिणाम है।