हिंद महासागर से लेकर अरब सागर तक दुश्मनों पर रहेगी भारत की नजर, पहला स्वदेशी ड्रोन ‘Drishti 10’ करेगा निगरानी

Diksha Bhanupriy
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Drishti 10 Starliner Drone: भारतीय सेनाओं द्वारा समुद्र से लेकर आकाश तक इसकी सुरक्षा को चाकचौबंद बनाने के लिए तरह-तरह के बंदोबस्त किए जा रहे हैं। समुद्र में जहां नए युद्धपोत तैनात हो रहे हैं तो वहीं अब नौसेना द्वारा जल्द ही स्टार लाइनर ड्रोन दृष्टि 10 को खेमे में शामिल किया जाने वाला है। इस ड्रोन की खासियत यह है कि यह स्वदेशी है और इसे पूरी तरह से भारत में तैयार किया गया है। यह मानव रहित ड्रोन है जिसे बीते दिनों हरी झंडी दिखाई गई है।

देश में बना है ड्रोन

दृष्टि 10 को पूरी तरह से भारत में बनाया क्या है। इसे बनाने में अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने इजरायल की मदद ली है। इसमें जितने उपकरण लगे हैं उनमें से 70 फ़ीसदी का निर्माण देश में हुआ है। नौसेना से हुए समझौते के बाद 10 महीने में इसे तैयार कर दिया गया है।

ऐसा है Drishti 10 Starliner Drone

  • इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत इसका देश में किया गया निर्माण है और इसके 70 फ़ीसदी उपकरण भारत में तैयार किए गए हैं।
  • यह ड्रोन सभी तरह के मौसम में उड़ान भरने में सक्षम है और इसे लगातार 36 घंटे तक उड़ाया जा सकता है।
  • ये आसानी से खतरों की पहचान कर उस पर धावा बोलने की क्षमता भी रखता है।
  • इसकी पेलोड क्षमता 450 किलोग्राम है। ये आराम से कहीं भी डिलीवर करने में सक्षम है।
  • इस ड्रोन में 3 पॉइंट है जहां पर पेलोड को फिक्स किया जाता है लेकिन जरूरत पड़े तो यहां पर हथियार भी लगाए जा सकते हैं।
  • 30000 फीट तक की ऊंचाई तक जाने की क्षमता रखने वाला यह ड्रोन पूरी तरह से उन्नत तकनीकों से विकसित किया गया है।
  • ये 1000 मील तक लगातार उड़ान भरने में सक्षम है और इस दौरान सामने आने वाली हर चुनौती से यह निपट सकता है।
  • यह ड्रोन एडवांस्ड कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस है। जिसके जरिए आसानी से डाटा एकत्रित कर ट्रांसफर किया जा सकता है।
  • इसे ऑपरेट करना बहुत ही आसान है और इसका मेंटेनेंस भी आसानी से किया जा सकता है।

कहां होगी तैनाती

दृष्टि 10 को नौसेना के पोरबंदर बेस पर अगले महीने से तैनात किया जाने वाला है। नौसेना के समुद्री अभियान में शामिल करने के लिए इसे हैदराबाद से पोरबंदर ले जाया जाएगा। इसे नागरिक और अलग हवाई क्षेत्र दोनों जगह पर उड़ने की मंजूरी दी गई है। नौसेना द्वारा ऐसे चार ड्रोन का आर्डर दिया गया है जिनमें से एक पूरी तरह से तैयार है और अन्य जल्द ही डिलीवर किए जाएंगे। यह भी बताया जा रहा है कि इस तरह के तकरीबन 100 ड्रोन की सशस्त्र बलों को आवश्यकता है।

क्यों की जा रही तैनाती

पिछले कुछ समय से हिंद महासागर क्षेत्र में लगातार चीन की घुसपैठ बढ़ती जा रही है और बीते कुछ दिनों में भारतीय जहाजों पर हमले और हमले की कोशिश भी की गई है। लाल सागर में समुद्री लुटेरे कमर्शियल जहाजों को निशाना बना रहे हैं। अरब सागर में भी लगातार कोई ना कोई गतिविधि देखने को मिल रही है। यही वजह है कि समुद्री फ्रंट को मजबूत बनाने के लिए ये ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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