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Sat, Dec 13, 2025

इंडिगो एयरलाइंस की परेशानी बढ़ी! अब मोनोपोली की जांच करेगी कंपटीशन कमिशन ऑफ इंडिया

Written by:Rishabh Namdev
परेशानी में घिरी इंडिगो एयरलाइंस को अब और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल अब एयरलाइंस की मोनोपोली की जांच कंपटीशन कमिशन ऑफ इंडिया द्वारा की जाएगी। अब यह जांच की जाएगी कि कंपनी ने मनमाने ढंग से एविएशन सेक्टर में अपना दबदबा बनाया है या नहीं।

भारत में निष्पक्ष कारोबार पर नजर रखने वाली संस्था कंपटीशन कमिशन ऑफ इंडिया द्वारा अब एविएशन सेक्टर में इंडिगो एयरलाइंस की मोनोपोली की जांच होगी। सीसीआई यह जांच कर रही है कि क्या देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस ने प्रतिस्पर्धा के नियमों का उल्लंघन किया है? दरअसल पिछले कुछ समय से इंडिगो की परेशानियां बढ़ी हैं। देशभर में इंडिगो की कई फ्लाइट रद्द हुई हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। रिपोर्ट्स की मानें तो अब इंडिगो का संकट कंपटीशन एक्ट की धारा 4 का खुला उल्लंघन माना जा रहा है।

दरअसल जब भी कोई कंपनी मनमाने ढंग से संचालित होती है और उपभोक्ताओं को ब्लैकमेल करती है या अपनी दादागिरी से कीमत वसूलती है, तो इसे कंपटीशन एक्ट की धारा 4 का उल्लंघन माना जाता है। अब इंडिगो के लिए इसी तरह की परेशानियां बढ़ गई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी ने इस धारा का उल्लंघन किया है।

अब यह जांच की जाएगी

इस समय देश में सबसे ज्यादा फ्लाइट इंडिगो की चल रही हैं। ऐसे में अब यह जांच की जाएगी कि क्या यह इंडिगो की मोनोपोली है। आयोग द्वारा अंदरूनी तौर पर इंडिगो एयरलाइंस की मोनोपोली की जांच की जाएगी, जिसमें खास रूट्स पर दबदबा और उसके कीमत वसूलना जैसे कई पहलू शामिल हो सकते हैं। अगर इसमें किराया बढ़ाने से जुड़ा मामला भी सामने आता है, तो आयोग द्वारा जांच के बाद कड़े निर्देश दिए जा सकते हैं।

बदला गए है ये नियम

दरअसल चार दिन पहले ही डीजीसीए की ओर से तकनीकी खामियों को लेकर नियम बदले गए हैं। अब अगर कोई फ्लाइट तकनीकी खामी के चलते 15 मिनट से ज्यादा लेट होती है, तो उसकी जांच अनिवार्य कर दी गई है। यह नियम इंडिगो की फ्लाइट ऑपरेशन में आई दिक्कतों के बाद लिया गया है। अब अगर किसी भी फ्लाइट में ऐसी दिक्कत आती है, तो यह बताना होगा कि देरी क्यों हुई, उसे कैसे ठीक किया गया और दोबारा न होने के लिए क्या उपाय किए गए हैं।

खराबी की जानकारी तुरंत डीजीसीए को देनी होगी

अब एयरलाइंस को तकनीकी खराबी की जानकारी तुरंत डीजीसीए को फोन पर देनी होगी। हालांकि यह नियम केवल मेजर डिफेक्ट पर ही लागू किया गया है। 72 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी। अगर बार-बार इसी तरह का डिफेक्ट आता है, तो उसे रिपिटेटिव डिफेक्ट मान लिया जाएगा और इसकी अलग से जांच की जाएगी। यह व्यवस्था डीजीसीए की ओर से डिफेक्ट रिपोर्टिंग सिस्टम को और मजबूत करने के लिए की जा रही है।

बता दें कि डीजीसीए की ओर से क्रू मेंबर और पायलट को लेकर भी नए नियम बनाए गए हैं। अब क्रू के साप्ताहिक आराम को लेकर नियम तय किया गया है, जिसके तहत हर सप्ताह 48 घंटे का वीकली रेस्ट करना जरूरी होगा। इसके अलावा नाइट ड्यूटी पहले सुबह 5 बजे तक मानी जाती थी, लेकिन अब इसे रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक कर दिया गया है। साथ ही लगातार नाइट शिफ्ट पर भी रोक लगाई गई है। अब लगातार दो रातों से ज्यादा ड्यूटी नहीं लगाई जा सकेगी।