भारत के इस शहर को कहते हैं Blue City, सुबह-शाम चरम पर होती इसकी खूबसूरती, भगवान शिव से जुड़ी है मान्यता

आज हम आपको भारत के ब्लू सिटी के बारे में बताने वाले हैं। नाम सुनकर आपको ऐसा लग रहा होगा कि या तो इस शहर का कनेक्शन पानी से जुड़ा होगा या फिर यह कोई समुद्री तट या नदी के किनारे बसा कोई शहर होगा, लेकिन इसका जवाब आपकी सोच से काफी अलग है।

Blue City

Blue City of India : हमारे देश में सभी शहरों को उनके उपनामों से जाना जाता है। जिनमें से कुछ विश्व प्रख्यात है, तो कुछ के बारे में लोगों को जानकारी भी नहीं है। यहां रंगों के आधार पर भी शहरों के नाम रखे गए हैं। इससे पहले हम सभी ने ब्लैक सिटी, रेड सिटी, वाइट सिटी, पिंक सिटी के बारे में जाना है, लेकिन क्या आपने कभी ब्लू सिटी के बारे में सुना है। भारत में रहने वाले बहुत कम लोगों को ही ब्लू सिटी का असली नाम पता है।

दरअसल, भारत बहुत बड़ा देश है। यहां की संस्कृति, अनोखी परंपरा, जीवनशैली, खान-पान, भाषा, बोली, आदि सब कुछ अलग-अलग है, जो इसे बाकी देशों से इसे अलग बनाता है। यहां सालों पर पर्यटकों की भीड़ भी देखने को मिलती है। विदेशों से लोग घूमने के लिए यहां आते हैं।

इस शहर को कहते हैं Blue City

वहीं, आज हम आपको भारत के ब्लू सिटी के बारे में बताने वाले हैं। नाम सुनकर आपको ऐसा लग रहा होगा कि या तो इस शहर का कनेक्शन पानी से जुड़ा होगा या फिर यह कोई समुद्री तट या नदी के किनारे बसा कोई शहर होगा, लेकिन इसका जवाब आपकी सोच से काफी अलग है। दरअसल, ब्लू सिटी राजस्थान में स्थित है, जिसे जोधपुर के नाम से जाना जाता है। यहां की खूबसूरती सूर्योदय के समय काफी ज्यादा सुहावनी और निराली होती है। केवल सूर्योदय ही नहीं, बल्कि सूर्यास्त के समय भी यहां का जो नजारा होता है, वह लोगों का मन मोह लेता है।

क्यों कहा जाता है Blue City

अब प्रश्न यह है कि आखिर इस शहर को ब्लू सिटी क्यों कहा गया है? यहां मौजूद सभी घर नीले रंगों से बसाया गया है। यहां तक की महलों में भी नीले रंग के ही पत्थर लगे हुए हैं। यह अपने आप में अनोखा शहर माना जाता है। रेगिस्तान के बीच स्थित इस शहर को पहले मारवाड़ के नाम से जाना जाता था, लेकिन समय के साथ परिस्थितियों में बदलाव होता गया और अब इसे ब्लू सिटी के नाम से लोग जानने लगे हैं। यहां के स्थानीय लोगों का शहर के नामकरण को लेकर कहा जाता है कि यहां गर्मी काफी ज्यादा पड़ती है। इसलिए लोग इससे बचने के लिए नीले रंग का इस्तेमाल करते हैं। घरों पर नीले रंग का पेंट करने से तपती गर्मी से लोगों को राहत दिलाती है। इसलिए आपको यहां पर मौजूद हर एक घर नीले रंग के पेट से रंगा हुआ नजर आएगा, जो सूर्यास्त और सूर्योदय के समय काफी अलग तरीके का नजर आता है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं।

इतिहास

शहर के इतिहास की बात करें, तो यह करीब 558 साल पुराना है। जिसे राठौर समाज के मुखिया राव जोधा ने बसाया था। इसे सूर्य नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां के किले और किले के ऊपर से शहर का नजारा देखने में काफी अद्भुत होता है।

इन जगहों को करें एक्सप्लोर

जोधपुर में ऐतिहासिक किले, पुराने महल और प्राचीन मंदिर है, जो काफी ज्यादा फेमस है यहां पर सालों भर टूरिस्ट की भीड़ देखने को मिलती है। जोधपुर का इतिहास मुगल काल में भी काफी ज्यादा सुनने को मिला है।

धार्मिक मान्यता

धार्मिक मान्यताओं की बात करें, तो जोधपुर को ब्लू सिटी कहने के पीछे अध्यातिमक कारण जुड़ा हुआ है। लोगों की ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय जो विष का प्याला भगवान शिव ने पिया था, उससे उनका कंठ मिला पड़ गया था। तब से उन्हें नीलकंठ का नाम दिया गया और यहां पर अधिकतर लोग शिव की भक्ति में लीन आते नजर आते हैं, इसलिए लोगों ने इस शहर का नाम ब्लू सिटी रखा है।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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