Lok Sabha Election 2024: पीएम मोदी बोले,संविधान मेरे लिए शासन चलाने का सबसे बड़ा धर्म ग्रंथ, कांग्रेस को लिया निशाने पर, कहा – “संविधान शब्द इनके मुंह से शोभा नहीं देता”

मोदी ने कहा संविधान का जितना अपमान इस परिवार की चारों पीढ़ी ने किया हिन्दुस्तान में किसी ने नहीं किया होगा उन्होंने कहा कि ये अपनी ही यानि कांग्रेस पार्टी के संविधा को भी नहीं मानते । 

Atul Saxena
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Lok Sabha Election 2024: देश में आज चौथे चरण का मतदान हो रहा है, अलग अलग राज्यों की 49 सीटों पर हो रहे मतदान में मतदाता बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं, कांग्रेस भाजपा सहित अन्य सभी दलों ने मतदाताओं से घर से बाहर आकर देश की तरक्की के लिए मतदान की अपील की है। उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले चरण यानि छठवें चरण के चुनाव प्रचार के लिए आज ओडिशा में हैं, उन्होंने खासकर पहली बार वोट डालने का अधिकार पाने मतदाताओं से कहा कि वे अवश्य वोट डालें। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए संविधान को शासन चलाने का सबसे बड़ा धर्म ग्रंथ बताया, मोदी ने कांग्रेस नेताओं नेहरु, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और राहुल गांधी पर उदाहरण देकर संविधान बदलने के आरोप लगाये।

पीएम की नए मतदाताओं से अपील, वे मतदान अवश्य करें 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह ओडिशा ढेंकानल पहुंचे, यहाँ उन्होंने एक भारी भीड़ वाली सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 4 चरण के चुनाव में इंडी अलायंस पूरी तरह अस्त हो चुका है। अब जो चरण शुरू हुए हैं, वो हमें 400 पार जाने की मजबूती दे रहे हैं। आज भी मैं मतदाताओं से कहूंगा कि भारी मतदान करें, जी भरकर मतदान करें, देश के लिए मतदान करें। उन्होंने इस दौरान डीडी न्यूज़ से बात भी की , मोदी ने आने वाले 25 साल का विजन बताया और बताया कि संविधान उनके लिए क्या मायने रखता है।

प्रधानमंत्री पद मेरे लिए एक कार्यभार है  

पीएम मोदी ने कहा कि मैं आने वाले 25 साल में भारत की गति के लिए 2 निर्णायक फेक्टर देख रहा हूँ। पहला-  हिंदुस्तान का पूर्वी हिस्सा, जैसे ओडिशा, झारखंड, बिहार, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनेगा। दूसरा हमारे देश की नारी शक्ति, जिस प्रकार उनका सामर्थ्य सामने आ रहा है, जब मैं कहता हूं कि मैं 3 करोड़ लखपति दीदी बनाऊंगा, तो मुझे लगता है कि मुझे सिर्फ अवसर देने हैं और गांव की बहनें लखपति दीदी बनकर रहेगी। उन्होंने अमूल और लिज्जत पापड़ के उदाहरण देकर महिला की संगठन की बात कही। मोदी ने कहा ज्यादातर राजनेता सत्ता, पद और प्रतिष्ठा के इर्दगिर्द खोए रहते हैं, मैं उससे कोसों दूर हूं। मैं मानता हूं कि पद एक कार्यभार है, ये प्रतिष्ठा के लिए नहीं, बल्कि जीवन खपाने के लिए होता है।

संविधान मेरे लिए शासन चलाने का सबसे बड़ा धर्मग्रंथ है

संविधान से जुड़े सवाल पर मोदी ने कहा कि मैं डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान सभा को सिर झुकाकर प्रणाम करता हूँ कि उन्होंने देश को ऐसा संविधान दिया कि एक चाय वाले और गरीब मां का बेटा प्रधानमंत्री बन गया। मेरे लिए संविधान, शासन चलाने का सबसे बड़ा धर्म ग्रंथ है। मेरे लिए एक जन प्रतिनिधि के रूप में संविधान मेरा मार्गदर्शक है, मैं उसका पुजारी हूँ,  उन्होंने कहा ये पूजा में आज से नहीं कर रहा जब  संविधान 60 साल हुआ तब मैं पहला व्यक्ति था जिसनें हाथी पर संविधान की यात्रा निकाली, तब मोदी मुख्यमंत्री था और पैदल चल रहा था।

कांग्रेस पर हमला- इस परिवार ने संविधान को बर्बाद किया 

पीएम मोदी ने कहा कि संविधान को यदि किसी ने बर्बाद किया है तो एक ही परिवार ने बर्बाद किया है, अपने उपयोग के लिए किया है।  नेहरु पीएम बने कुछ ही साल में उन्होंने संविधान में परिवर्तन कर फ्रीडम ऑफ़ स्पीच को बदलने का काम किया, उसके बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी की जब न्यायालय ने चुनाव लड़ने की योग्यता समाप्त कर दी तो उन्होंने  इमरजेंसी लगाकर संविधान पर हमला किया, फिर राजीव गांधी ने शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को बदल दिया, उसके बाद उनकेबेटे राहुल गांधी जो सिर्फ एक एमपी हैं उन्होंने कैबिनेट के निर्णय को फाड़ दिया और कैबिनेट को निर्णय बदलना पड़ा।

कांग्रेस तो अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानती 

मोदी ने कहा संविधान का जितना अपमान इस परिवार की चारों पीढ़ी ने किया हिन्दुस्तान में किसी ने नहीं किया होगा उन्होंने कहा कि ये अपनी ही यानि कांग्रेस पार्टी के संविधान को भी नहीं मानते। जब सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे तब उन्हें इन लोगों ने बाथरूम में बंद कर दिया था और उठाकर सड़क पर फेंक दिया था और पूरी पार्टी पर कब्ज़ा कर लिया था, इसलिए ये संविधान शब्द कांग्रेस के मुंह से शोभा नहीं देता।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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