गुरुवार को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को महिलाओं, बच्चों और वंचित वर्गों के सामाजिक विकास पर बोलने के लिए बुलाया गया था। जब उन्होंने अपना भाषण देना शुरू किया, तो अचानक वहां कुछ प्रदर्शनकारी उनके विरोध में प्रदर्शन करने लगे। ये प्रदर्शनकारी पश्चिम बंगाल के आरजी कर कॉलेज में हुई दुखद घटना ओर पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हुई हिंसा के विरोध में अपनी नाराजगी जता रहे थे। ममता पर हुए इस अचानक से प्रदर्शन से वह मौजूद लोग कुछ देर के लिए चौक गए थे लेकिन ममता ने इस्थिति को शांति से संभाला जिसे देख कर वह मौजूद लोगो ने ममता की तारीफ भी की
ममता बनर्जी ने स्थिति को संभालते हुए शांति से प्रदर्शनकारियों को जवाब दिया और कहा, “यह कोई राजनीति का विषय नहीं है। मैं सात बार सांसद रही हूं और मैंने एक बार भी ₹1 पेंशन के रूप में नहीं लिया है। इस मामले को राजनीति से मत जोड़ो। यह मामला केंद्र सरकार के पास है और इसकी जांच सरकार द्वारा की जा रही है, इसलिए इस पर राजनीति मत करो।”
इसके साथ ही, जब उनसे पूछा गया कि क्या वह हिंदू हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “मैं सबके लिए काम करती हूं।”

आपको बोलने का अधिकार है आप डेमोक्रेसी में है
प्रदर्शन कर रहे लोगों से ममता बोली “आप साफ-साफ बोले आपके पास बोलने का अधिकार है , यह डेमोक्रेसी है”
ममता प्रदर्शनकारियों को यह भी कहती है कि “मैं आपसे प्यार करती हूं भाई अगर राजनीति करनी है तो मेरे राज्य में अपनी पार्टी से जाकर कहो मैं तुम्हें और तुम्हारी सोच वाले लोगों को चॉकलेट भेजूंगी” इसके बाद ही उन्होंने 16 अगस्त 1990 को हुए दंगों की एक ब्लैक एंड व्हाइट इमेज भी निकालकर दिखाई जिसमें उनके ऊपर चोट और पट्टियां लगी हुई दिख रही थी यह इमेज कोलकाता के हजार क्रॉसिंग पर सीपीएम समर्थकों के द्वारा किए गए हमले के दौरान की थी
“कुर्सी पर होती हूं तो मेरा काम है कि मैं समाज को बांटने ना दूं”
अपने भाषण के दौरान ममता बनर्जी ने समाज और धर्म को एक साथ लेकर चलने की बात करते हुए कहा की , “जब मैं कुर्सी पर होती हूं तो मेरा कर्तव्य होता है कि मैं समाज को ना बांटूं। कमजोर और गरीब लोगों के लिए हमें सबसे ज्यादा मेहनत करनी होती है। हमें सभी धर्म और जातियों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।”
ममता बनर्जी की इस बात पर वहां मौजूद लोग और नेता उनकी सराहना करने लगे और तालियां बजाईं। आपको बता दें कि जब ममता बनर्जी यह स्पीच दे रही थीं, तब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी वहां मौजूद थे।