सरस्वती नदी के किनारे बसा है भारत का पहला गांव, महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास

यह गांव देव की भूमि उत्तराखंड में स्थित है, जिसका नाम माणा है। पहले यह भारत का आखिरी गांव के रूप में जाना जाता था, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस गांव को पहला देश कहा गया।

First Village Of India

First Village Of India : भारत एक ऐसा देश है, जहां हर कुछ आपको नया और ऐतिहासिक देखने को मिलता है। यहां दूर-दराज से लोग घूमने के लिए आते हैं। यहां का हर एक राज्य, हर एक शहर अपनी अलग संस्कृति, परंपरा और भाषाओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां आपको मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, आदि सब कुछ देखने को मिलेगा। विदेशी पर्यटक सालों भर भारत के विभिन्न स्थान को एक्सप्लोर करते हैं।

अमूमन जब भी आप भारत भ्रमण पर निकलते हैं, तो आपके मन में तरह-तरह के सवाल भी उठाते होंगे या फिर कुछ ऐसी चीज आपको नजर आ जाए, जो बाकी सब चीजों से हटकर हो, तो कई तरह के प्रश्न मन में तूफान लेकर आते हैं। आपके भी मन में कई बार यह सवाल आया होगा कि आखिर भारत का पहला गांव कहां है और उसका नाम क्या है, उसकी उत्पत्ति कैसे हुई होगी, वहां का इतिहास क्या रहा है।

भारत का पहला गांव

आपकी इस दुविधा को दूर करते हुए बता दें कि यह गांव देव की भूमि उत्तराखंड में स्थित है, जिसका नाम माणा है। पहले यह भारत का आखिरी गांव के रूप में जाना जाता था, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस गांव को पहला देश कहा गया। जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोहर लगा दी है। यह भारत का सीमांत गांव है। सरकार द्वारा विकास कार्य यहां पर शुरू कर दिए गए हैं। जिससे रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। गांव की तस्वीर बदली है।

चमोली जिले में स्थित

गांव के प्रवेश द्वार द्वार पर अब आपको देश के प्रथम गांव का साइन बोर्ड लगा हुआ मिलेगा, जिसे सीमा सड़क संगठन(B.R.O) द्वारा लगाया गया है। यहां से कुछ ही दूरी पर भारत और चीन का बॉर्डर है, जहां 24 घंटे लोगों की रक्षा के लिए सैनिक बल तैनात रहते हैं। गांव की भौगोलिक स्थिति की बात करें, तो यह समुद्र तल से लगभग 10000 की ऊंचाई पर स्थित है जो कि चमोली जिले में है। जो लोग बद्रीनाथ आते हैं, वह इस गांव को देखने जरूर पहुंचते हैं जो कि मात्र इस गांव से 3 किलोमीटर दूर स्थित है।

पौराणिक मान्यता

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस गांव का रिश्ता महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। जिसका उल्लेख महाभारत ग्रंथ में भी किया गया है। जिसमें यह बताया गया है कि पांचों पांडव जब स्वर्ग लोक के लिए निकले थे, तब उन्होंने इसी गांव से उसका रास्ता तय किया था। इस गांव की एक और खासियत है कि यह सरस्वती नदी के किनारे बसा एक सुंदर सा गांव है। यहां आपको भीम पुल भी मिलेगा, जिसे भीम ने बनाया था स्वर्ग लोक जाने के क्रम में… ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है।

आप भी करें एक्सप्लोर

यदि आप इस गांव को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो आपको यहां वेदव्यास गुफा, भीम पुल, सरस्वती नदी और अलकनंदा नदी का संगम स्थल, आदि घूमने का मौका मिलेगा। वेदव्यास गुफा को लेकर ऐसी मान्यता है कि ऋृषि वेदव्यास ने इसी गुफा में बैठकर गणेश जी द्वारा लिखी गई महाभारत को सुनाया था, जो कि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है। यहां का मौसम सालों भर काफी सुहावना रहता है।


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Sanjucta Pandit

Sanjucta Pandit

मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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