PM Modi ने बालक बुद्धि कहकर बिना नाम लिए राहुल पर साधा निशाना, कहा- देशवासियों को समझना होगा इनके इरादे नेक नहीं

131 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है। 131 साल पहले ये विवेकानंद जी ने दुनिया के दिग्गजों के सामने कहा था।

Atul Saxena
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PM Modi Lok Sabha

PM Modi Lok Sabha : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए अपनी सरकार की भविष्य की योजनायें बताई और पिछले 10 साल का हिसाब दियाउन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला किया, नेहरु से लेकर उनके कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों के शासन के दौरान हुए घोटालों को याद दिलाया मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन्हें बार बार बालक बुद्धि कहकर संबोधित किया और उनके 1 जुलाई के भाषण को बालक बुद्धि विलाप कहा मोदी ने कहा कल जो हुआ है, उसे गंभीरता से लिए बिना हम संसदीय लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर पाएंगे। अब बालक बुद्धि कहकर इन हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, इसके पीछे इरादे नेक नहीं, गंभीर खतरे के हैं।

मोदी ने राहुल गांधी की झूठ बोलकर देश को गुमराह करने के आरोप लगाये 

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी आज राहुल गांधी के कल के भाषण पर बहुत भड़के, उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने कल देश को और सदन को बार बार झूठ बोलकर गुमराह करने की कोशिश की पीएम ने कहा ये वो लोग हैं जो आज जमानत पर हैं कई मुकदमे झेल रहे हैं वे यहाँ आकर अमर्यादित आचरण कर संसदीय परम्पराओं का अपमान करते हैं

हिंदू को हिंसक कहने पर बोले पीएम – ये हैं आपके संस्कार, ये है आपका चरित्र

मोदी ने कहा कि आज हिंदुओं पर झूठा आरोप लगाने की साजिश हो रही है, गंभीर षड्यंत्र हो रहा है। ये कहा गया कि हिंदू हिंसक होते हैं,  ये हैं आपके संस्कार, ये है आपका चरित्र, ये है आपकी सोच, ये है आपकी नफरत। इस देश के हिंदुओं के साथ ये कारनामे। ये देश शताब्दियों तक इसे भूलने वाला नहीं है।

पीएम ने याद दिलाया शिकागो में 131 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने क्या कहा था   

प्रधानमंत्री ने कहा –  मैं आज एक गंभीर विषय पर देशवासियों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। कल जो हुआ, उसे इस देश के कोटि-कोटि देशवासी आने वाली सदियों तक माफ नहीं करेंगे। 131 साल पहले स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में कहा था कि मुझे गर्व है कि मैं उस धर्म से आता हूं जिसने पूरी दुनिया को सहिष्णुता और वैश्विक स्वीकृति सिखाई है। 131 साल पहले ये विवेकानंद जी ने दुनिया के दिग्गजों के सामने कहा था।

कल जो हुआ – इसके पीछे इरादे नेक नहीं, गंभीर खतरे के हैं

मोदी ने कहा – बालक बुद्धि में न बोलने का ठिकाना होता है और न ही बालक बुद्धि में व्यवहार का कोई ठिकाना होता है। जब ये बालक बुद्धि पूरी तरह सवार हो जाती है, तो सदन में किसी के भी गले पड़ जाते हैं। ये बालक बुद्धि अपनी सीमाएं खो देती है, तो सदन के अंदर बैठकर आंखें मारते हैं। इनकी सच्चाई अब पूरा देश समझ गया है। इसलिए आज देश इनसे कह रहा है – तुमसे न हो पाएगा। उन्होंने कहा कि कल जो हुआ है, उसे गंभीरता से लिए बिना हम संसदीय लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर पाएंगे। अब बालक बुद्धि कहकर इन हरकतों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, इसके पीछे इरादे नेक नहीं, गंभीर खतरे के हैं।

पीएम के भाषण के दौरान जारी रहा शोरशराबा, मोदी बोले- मेरे इरादों को कोई रोक नहीं सकता   

प्रधानमंत्री के पूरे भाषण के दौरान विपक्ष शोर शराबा करता रहा, विपक्ष मणिपुर, मणिपुर , वि वांट जस्टिस चिल्लाता रहा,   इस बीच कुछ सदस्यों ने कई बात वेल में आने का प्रयास किया जिन्हें फटकार लगाते हुए स्पीकर ने लौटा दिया, ओम बिरला ने दो तीन बार राहुल गांधी को भी इस दौरान फटकार लगाई और विपक्ष ने सांसदों को मर्यादित व्यवहार करने की नसीहत दी, अपने भाषण को ख़त्म करने से पहले पीएम को हाथरस की घटना की जानकारी दी गई तो उन्होंने घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की, भाषण के अन्त में पीएम मोदी ने कहा कि इनका कोलाहल भी मुझे रोक नहीं पाया, मोदी किसी से डरता नहीं है, देश के विकास और सेवा एक मेरे इरादों को कोई डिगा नहीं सकता, मुझे आज बहुत आनंद आया, उन्होंने सभी पार्टियों से साथ मिलकर देश के विकास में सहयोग करने की अपील भी की


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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