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Mon, Dec 15, 2025

NCERT : एनसीईआरटी ने समग्र प्रगति कार्ड लागू करने पर दिया जोर, सभी स्कूलों के लिए किया आग्रह

Written by:Rishabh Namdev
NCERT : एनसीईआरटी की यह पहल छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। दरअसल यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास की निगरानी करना है।
NCERT : एनसीईआरटी ने समग्र प्रगति कार्ड लागू करने पर दिया जोर, सभी स्कूलों के लिए किया आग्रह

NCERT : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस वर्ष कक्षा 8 तक के छात्रों की “बहुआयामी प्रगति निगरानी” के लिए समग्र प्रगति कार्ड (एचपीसी) लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है। दरअसल यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत उठाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास की निगरानी करना है।

क्या है समग्र प्रगति कार्ड का मुख्य उद्देश्य?

दरअसल एनसीईआरटी के तहत कार्यरत राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, परख (समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) ने विभिन्न कक्षाओं के लिए प्रगति कार्ड विकसित किए हैं। इन प्रगति कार्डों का उद्देश्य छात्रों की प्रगति को विभिन्न डोमेन में ट्रैक करना है, जिसमें साथियों, अभिभावकों और छात्रों के आत्म-मूल्यांकन से मिले फीडबैक को भी शामिल किया गया है। हालांकि पिछले साल एनसीईआरटी और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने चुनिंदा स्कूलों में एचपीसी का पायलट कार्यक्रम आयोजित किया था।

शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए PARAKH से किया जा रहा संपर्क:

वहीं इसे लेकर PARAKH की सीईओ इंद्राणी भादुड़ी का कहना है कि, “प्रगति कार्ड बच्चों का व्यापक मूल्यांकन करेगा, जिसमें शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, साक्षरता, अध्ययन और अन्य क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों का दस्तावेजीकरण शामिल है। हम सभी स्कूलों के लिए इसकी वकालत कर रहे हैं।” इसके साथ ही भादुड़ी ने यह भी बताया कि कई निजी स्कूलों ने अपने शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए परख से संपर्क किया है। इसके अलावा, प्रगति कार्ड घर और स्कूल के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा, जिससे अभिभावक-शिक्षक बैठकें आयोजित की जा सकेंगी और माता-पिता को बच्चों की समग्र शिक्षा और विकास में सक्रिय रूप से शामिल किया जा सकेगा।

शिक्षकों का प्रशिक्षण:

PARAKH ने अब तक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषदों के शिक्षकों, सभी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों के शिक्षकों और प्रत्येक राज्य के 100 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया है। दरअसल सीईओ इंद्राणी भादुड़ी ने कहा, “देश में लगभग एक करोड़ (10 मिलियन) शिक्षक हैं और इन सभी तक पहुंचने में समय लगेगा। अब, राज्यों को इन मास्टर ट्रेनरों की मदद से अपने शिक्षकों को प्रशिक्षित करना होगा।”

इन्द्राणी भादुड़ी ने बताया कि परख प्रगति कार्डों को डिजिटल बनाने के काम करने में जुटी है, जिससे यह और अधिक प्रभावी और सुलभ हो सकेगा। इसके साथ ही, कई राज्यों ने एचपीसी का अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करना शुरू कर दिया है। हरियाणा, चंडीगढ़ और छत्तीसगढ़ ने इसका हिंदी अनुवाद किया है, जबकि महाराष्ट्र इसे मराठी में अनुवादित कर रहा है।