New EV Policy: नई EV मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, कंपनियों को कम-से-कम ₹4,150 करोड़ करना होगा निवेश

New EV Policy: देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने नई स्कीम को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत अब अमेरिका की सबसे चर्चित कंपनी टेस्ला का भारत आने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि इसके लिए सरकार द्वारा कंपनियों के सामने। कुछ नियम व् शर्ते रखी गई है।

Rishabh Namdev
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New EV Policy: केंद्र सरकार ने भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए नई पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। दरअसल केंद्र सरकार की इस नई पॉलिसी के अनुसार, अब कंपनियों को निवेश करने के लिए कम से कम ₹4150 करोड़ का निवेश जुटाना होगा और वहीं इसके लिए अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं रखी गई है।

नई पॉलिसी की जानकारी:

ईवी मैन्युफैक्चरिंग के लिए नई पॉलिसी के अनुसार, अब कंपनियों को मात्र तीन साल के अंदर ही देश में अपनी मैन्युफैक्चरिंग और ईवी का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू करना पड़ेगा। वहीं इस नई पॉलिसी को मंजूरी देने के लिए 15 मार्च को मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (MoCI) ने नोटिफिकेशन जारी किया। दरअसल इस पॉलिसी का लंबे समय से अमेरिकी बिजनेसमैन एलन मस्क की ईवी कंपनी टेस्ला इंतज़ार कर रही थी।

अमेरिकी ईवी कंपनियों के लिए सुविधा

नई पॉलिसी के लागू होने से अमेरिकी ईवी कंपनियों के लिए भारत में एंट्री करना आसान हो गया है, जैसे की ईवी कंपनी टेस्ला के लिए। नयी पॉलिसी ने इंपोर्टेड कारों के लिए भारत में बेचने की शर्तें भी बदल दी हैं, जिससे इंटरनेशनल कंपनियों के लिए बाजार में प्रवेश करना आसान हुआ है। जानकारी के अनुसार अब यह शर्तें नई पॉलिसी में 5 साल तक के लिए हैं। हालांकि इसके लिए सरकार की और से कुछ नियम और शर्ते रखी गई है।

शर्तें और रियायतें

ईवी मैन्युफैक्चरिंग के लिए नई स्कीम के तहत, कंपनियों को अपने व्यापार में निवेश करने के लिए विभिन्न शर्तें और रियायतें बताई गई हैं। इनमें विशेष ध्यान दिया गया है कि कंपनियां भारत में लोकल सोर्सिंग को बढ़ावा दें। इसके साथ ही, इंपोर्टेड कारों को बेचने की भी कुछ शर्तें हैं, जिनमें कंपनी का कुल निवेश या रियायत की भी सीमाएं बताई गई हैं। वहीं शर्त के हिसाब से यह स्कीम ऑटो कंपनियों के लिए सिर्फ 5 साल के लिए है। इसके साथ ही कंपनी एक साल में सिर्फ 8,000 यूनिट भारत लाकर बेच सकेंगी।


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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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