नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारत में सिंगल यूज प्लास्टिक पर 1 जुलाई से बैन लगने जा रहा है। पर्यावरण को सुरक्षित और प्रदूषण के स्तर में कमी लाने के मद्देनजर भारत सरकार ने ये फैसला लिया है। लेकिन इस बीच पैक्ड प्रोडक्ट्स बेचने वाली कंपनियो की मुश्किलें बढ़ गई है।
दरअसल, देश में बहुत सारी कंपनियो का प्रोडक्ट सिंगल यूज प्लास्टिक पर निर्भर करता हैं, जिसमें अमूल (Amul), मदर डायरी (Mother Dairy), डाबर (Dabur) और पारले एग्रो (Parle Agro) जैसी बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। इन सभी कम्पनी का प्रोडक्ट प्लास्टिक के पैकेट में ही बिकता हैं। लेकिन इस फैसले के लागु होने के बाद से बेवरेज कंपनियां प्लास्टिक स्ट्रॉ के साथ अपना प्रोडक्ट नही बेच पाएंगी। हालांकि, प्लास्टिक स्ट्रॉ के मुकाबले पेपर स्ट्रॉ की लागत अधिक पड़ रही है, लेकिन उत्पादों की बिक्री जारी रखने के लिए कंपनियां इसका सहारा ले रही हैं।
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डेयरी प्रोडक्ट, सॉफ्ट ड्रिंक्स और पैक्ड जूस बनानेवाली कंपनियों ने सरकार से निवेदन किया हैं कि वो अपने फैसले को कुछ समय के लिए टाल दे, लेकिन केंद्र सरकार इसको लेकर रियायत देने के मूड में नहीं है।
आपको बता दे, सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से कूड़े-कचरे की समस्या उत्पन्न होती हैं इसलिए पीएम मोदी ने चार साल में चरणबद्ध तरीके से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने का प्लान बनाया है। इस दिशा में सरकार का यह पहला ठोस कदम है। वे सारे उत्पाद जिसमें प्लास्टिक का प्रयोग सिर्फ एक बार ही किया जाता हैं, उस पर एक जुलाई से पर्यावरण मंत्रालय ने प्रतिबंध लगा दिया गया है।