Nobel Prize 2023 : ईरान में महिलाओं के हक के लिए लड़ने वाली नर्गेस मोहम्मदी को वर्ष 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी। मानवाधिकारों और आजादी के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। मोहम्मदी को यह पुरस्कार ईरान में महिलाओं की हालत को बेहतर बनाने के लिए किए गए संघर्ष के चलते दिया गया।
बता दें कि, मोहम्मदी को अपने मानवाधिकार कार्यों के कारण कई बार जेल भी जाना पड़ा है फिलहाल नर्गेस मोहम्मदी जेल में बंद हैं।
कौन है नर्गेस मोहम्मदी
नर्गेस मोहम्मदी एक ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर (डीएचआरसी) की उपाध्यक्ष थीं। वह ईरान में डेथ पेनल्टी को खत्म करने और कैदियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए वकील रही हैं।
इन पुरस्कारों से किया जा चुका है सम्मानित
ईरानी जेलों में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ नर्गेस मोहम्मदी हमेशा मुखर रही हैं। मोहम्मदी को उनकी सक्रियता के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है, जिसमें पेर एंगर पुरस्कार, ओलोफ पाल्मे पुरस्कार, यूनेस्को/गिलर्मो कैनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार और पीईएन/बार्बी फ्रीडम टू राइट अवार्ड जैसे पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें बीबीसी की 100 प्रेरक और प्रभावशाली महिलाओं में से एक के रूप में भी नामित किया गया था।
किन क्षेत्रों में और क्यों दिए जाते हैं ये नोबेल पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार विश्व के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है, ये पुरस्कार कई क्षेत्रों जैसे कि फिजिक्स, केमेस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य, शांति, आर्थिक विकास और आर्थिक विज्ञान के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले व्यक्तियों या संगठनों को प्रशंसा के रूप में प्रदान किया जाता है। पिछले 12 महीनों में मानवता की भलाई में सबसे अच्छा काम करने वालों ये पुरस्कार दिए जाते हैं यह पुरस्कार स्वीडन के कारोबारी और डाइनामाइट का अविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल के याद में दिए जाते हैं। अल्फ्रेड नोबेल ने अपनी कमाई का ज्यादातर हिस्सा इस अवॉर्ड के फंड के लिए छोड़ गए थे। पहली बार 1901 में नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 1968 में स्वीडन की सेंट्रल बैंक ने इसमें एक और कैटेगरी इकॉनमिक साइंसेस जोड़ी थी।
इतना मिलता है पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं को एक डिप्लोमा, एक मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोना ( आज के करीब 75764727 रुपये) की नगद राशि प्रदान की जाती है। एक श्रेणी में विजेता अगर एक से ज्यादा हों तो पुरस्कार की राशि उनमें बंट जाती है। ये पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि यानी 10 दिसंबर को विजेताओं को सौंपे जाते हैं।