Janmashtami 2024: 26 अगस्त को देश भर में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। भगवान कृष्ण का यह जन्मोत्सव देशभर की कृष्ण मंदिरों में भव्य तरीके से मनाया जाता है। इस बार भी हर जगह इस पर्व का उल्लास देखने को मिलेगा। जन्माष्टमी के दिन देश के अलग-अलग मंदिरों में भक्ति दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। मथुरा, वृंदावन, द्वारका और पुरी जैसे जगहों पर विशेष तौर पर भीड़ देखने को मिलती है।
जन्माष्टमी के दिन छुट्टी होती है, ऐसे में बहुत से लोग घूमने फिरने का प्लान बनाते हैं। अगर इस जन्माष्टमी आप भी किसी कृष्ण मंदिर घूमने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको राजस्थान के एक अनोखे कृष्ण मंदिर में जरूर जाना चाहिए। इस मंदिर से जुड़ी मान्यता के मुताबिक जो व्यक्ति यहां जितना देता है उससे कई गुना अधिक प्राप्त करता है। यही कारण है की जन्माष्टमी पर यहां भक्तों की खास भीड़ देखने को मिलती है। चलिए इस चमत्कारी मंदिर के बारे में जानते हैं।
सांवरिया सेठ
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मौजूद सांवरिया सेठ का मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है। दूर-दूर से भक्त इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। चित्तौड़गढ़ रेलवे स्टेशन से 41 किलोमीटर दूर पड़ता है। राजस्थान की राजधानी जयपुर से यह मंदिर 338 किलोमीटर उदयपुर से 74 किलोमीटर दूर है।
ऐसा है इतिहास
इस मंदिर के स्वर्णिम इतिहास की बात करें तो इसे लेकर कई तरह की कहानी प्रचलित है। लोगों का कहना है कि यह 450 साल पुराना मंदिर है। वहीं कुछ लोग कहते हैं कि 15वीं शताब्दी के आसपास इस मंदिर का निर्माण किया गया था। एक कहानी के मुताबिक 1840 के आसपास भोलाराम गुर्जर नाम के एक ग्वाला को यहां पर भगवान कृष्ण की मूर्ति दिखी थी, जिसके बाद यहां पूजन अर्चन शुरू की गई।
मंदिर से जुड़ी मान्यताएं
सांवरिया सेठ मंदिर कई मायने में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़ी बातों के मुताबिक जो व्यक्ति यहां आकर जितना दान करता है उससे कई गुना अधिक उसे प्राप्त होता है। इस मंदिर में भक्ति बढ़ चढ़कर दान करते हैं और अगर दान पात्र खोला जाता है तो उससे निकलने वाली राशि को गिनने में पांच-पांच दिन लग जाते हैं। दान पात्र में पैसों के अलावा सोना-चांदी भी निकलता है।
भक्तों के लिए यह मंदिर बहुत ही खास है। यहां आने पर अध्यात्म और संस्कृति का एहसास अपने आप ही होने लगता है। जन्माष्टमी के मौके पर मंदिर फूलों से सजाया जाता है। सुबह से लेकर शाम तक यहां भजन कीर्तन होते हैं। भक्त बड़ी संख्या में यहां दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।