One nation one election: विधायिका आयोग ने एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट को 15 मार्च तक केंद्र सरकार को सौंपने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग इस मुद्दे पर संविधान में संशोधन करने की सिफारिश करेगा, जिससे अगले पांच सालों में देश भर में लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकाय चुनाव एक साथ हो सकें।
नया अध्याय जोड़ने की सिफारिश:
आयोग की सिफारिश के मुताबिक, एक साथ चुनाव को लेकर संविधान में एक नया अध्याय जोड़ा जाना चाहिए। दरअसल इसमें समय रहते यदि सरकार गिरती है तो ऐसे में पांच साल की अवधि तक यानी के बाकी बचे हुए कार्यकाल में अंतरिम साझा सरकार यानी सर्वदलीय सरकार चलाने का प्रावधान होना चाहिए। इसके साथ ही अगर चुनाव कराना चाहते है तो चुनाव सिर्फ बचे हुए कार्यकाल के लिए ही किया जाना चाहिए।
आयोग की और से एक और महत्वपूर्ण सिफारिश है कि विधान सभाओं की शर्तें तीन चरणों में समकालिक कर दी जाएं। इससे पहले एक साथ चुनाव मई-जून 2029 में, यानी 19वीं लोकसभा के साथ हो सकता है।
नए सिरे से होंगे चुनाव:
सूत्रों के मुताबिक, दरअसल आयोग यह सिफारिश कर सकता है कि पहले चरण में राज्य विधानसभाओं के चुनावों से निपटा जाए। जिसके लिए सबसे पहले विधानसभाओं की अवधि को कुछ महीनों के लिए कम करना या राष्ट्रपति शासन के जरिए बढ़ाना पड़ेगा। वहीं इसके साथ ही, आयोग सरकारों के गिरने या अविश्वास के मामले में साझा सरकार के गठन की सिफारिश कर सकता है और यदि एकता सरकार का फॉर्मूला काम नहीं आता है, तो ऐसे में कानून पैनल सदन के शेष कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराने की सिफारिश कर सकता है।
इसे याद रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में पहले से ही ‘एक देश-एक चुनाव’ की बात चली आ रही है। इस नई सुनहरी अवस्था में, जब आयोग का सुझाव सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त करता है, एक देश में सभी चुनावों को एक साथ कराने का सपना हकीकत बन सकता है।