प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से डुमना विमानतल पहुंचे। विमानतल पर प्रधानमंत्री की आगवानी मिनिस्टर इन वेटिंग प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री एवं जबलपुर जिले के प्रभारी मंत्री गोपाल भार्गव सहित केंद्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल सहित अन्य भाजपा नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने की।
पीएम का पिछला दौरा रद्द करने की बताई वजह मुख्यमंत्री ने बताई
प्रधानमंत्री के मप्र दौरे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज का दिन मध्य प्रदेश के साथ ही देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश की धरती पर प्रदेशवासियों की ओर से उनका हृदय से वंदन-अभिनंदन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस के अवसर पर प्रदेश में गौरव यात्राएँ निकाली गईं थीं। इनका समापन 27 जून को शहडोल में होना था, लेकिन भारी वर्षा के कारण जनता को कोई परेशानी न हो, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी का दौरा 27 जून से बदलकर एक जुलाई निर्धारित किया गया।
साढ़े तीन करोड़ आयुष्मान कार्ड का करेंगे वितरण
सीएम ने बताया कि शहडोल के कार्यक्रम में साढ़े तीन करोड़ आय़ुष्मान कार्ड पूरे देश में वितरित किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा आय़ुष्मान कार्ड हितग्राहियों को अलग-अलग 25 हजार स्थानों पर दिए जाएंगे। शहडोल के साथ ही सभी 25 हजार स्थानों पर कार्यक्रम होंगे। प्रधानमंत्री मोदी शहोडल से आय़ुष्मान कार्ड का प्रतीकात्मक रूप से वितरण करेंगे।
सिकल सेल एनीमिया के 2 लाख कार्ड वितरित करेंगे
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश के लिए सिकल सेल एनीमिया मिशन लांच करेंगे। सिकल सेल एनीमिया बहुत जटिल और कष्टदायक बीमारी है, हमारे अधिकतर आदिवासी बहन-भाई इसके शिकार होते हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए मिशन लांच किया जा रहा है। मिशन के अंतर्गत इस बीमारी के उपचार और बचाव के उपाय बताए जाएंगे।
पकरिया में आदिवासियों से करेंगे मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी शहडोल के आदिवासी गांव पकरिया जायेंगे यहाँ वे खटिया पर बैठ कर देशी अंदाज में जनजातीय समुदाय, फुटबॉल क्रांति के खिलाड़ियों, स्व-सहायता समूह की लखपति दीदियों और अन्य लोगों से संवाद करेंगे। ऐसा पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री देशी अंदाज में जनजातीय समुदाय के साथ जमीन पर बैठ कर कोदो, भात- कुटकी खीर का आनंद लेंगे। संपूर्ण कार्यक्रम भारतीय परंपरा एवं संस्कृति के अनुसार होगा। प्रधानमंत्री के भोज में मोटा अनाज (मिलेट) को विशेष प्राथमिकता दी जा रही है।
ये है पकरिया गांव की खासियत
पकरिया गाँव अद्भुत एवं अविस्मरणीय है। गाँव में जीवन अपनी सहज निश्छलता के साथ मुस्कान बिखेरता हुआ सात रंग के इंद्रधनुष की तरह गतिमान है। पकरिया सघन वन से आच्छादित एक ऐसा गाँव है, जहाँ साल, सागौन, महुआ, कनेर, आम, पीपल, बेल, कटहल, बाँस और अन्य पेड़ों से प्रवाहित हवाएँ उन्नत मस्तकों का गौरव-गान करती हैं। पकरिया गाँव में 4700 लोग निवास करते हैं, जिसमें 2200 लोग मतदान करते हैं। गाँव में 700 घर जनजातीय समाज के हैं, जिनमें गोंड समाज के 250, बैगा समाज के 255, कोल समाज के 200, पनिका समाज के 10 और अन्य समाज के लोग निवास करते हैं। पकरिया गाँव में 3 टोला है, जिसमें जल्दी टोला, समदा टोला एवं सरकारी टोला शामिल है।
इस जनजाति समुदाय के लोगों का निवास है पकरिया में
पकरिया गाँव के जनजाति समूह में हरहेलबाब या बाबदेव, मइड़ा कसूमर, भीलटदेव, खालूनदेव, सावनमाता, दशामाता, सातमाता, गोंड जनजाति में महादेव, पड़ापेन या बड़ादेव, लिंगोपेन, ठाकुरदेव, चंडीमाई, खैरमाई, बैगा जनजाति में बूढ़ादेव, बाघदेव, भारिया दूल्हादेव, नारायणदेव, भीमसेन और सहरिया जनजाति में तेजाजी महाराज, रामदेवरा आदि की पूजा पारंपरिक रूप से प्रचलित है।
जबलपुर से संदीप विश्वकर्मा की रिपोर्ट