Rajasthan : राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार राइट टू हेल्थ बिल को लेकर आई है। जिसके बाद डॉक्टर और सरकार के बीच तनातनी शुरू हो गई है। डॉक्टर्स ने धरना प्रदर्शन भी किया, वहीं आज भी हड़ताल की जानी वाली थी लेकिन सरकार के साथ डॉक्टर्स की वार्ता के बाद सकारात्मक संकेत देखने को मिले।
जानकारी के मुताबिक, आज सुबह 5 बज तक मुख्य सचिव और सचिव टी रविकांत कवायद करते रहे। जिसके बाद दोनों के बीच सहमति बनी और सरकार के आश्वासन से डॉक्टर्स भी सहमत नजर आए। अभी हाल ही में सीएम अशोक गेहलोत ने राइट टू हेल्थ लागू करने घोषणा करते हुए ट्वीट शेयर किया है।
मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी।#RightToHealth
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) April 4, 2023
ट्वीट के मुताबिक, सरकार और डॉक्टर्स के बीच सहमति बनी है। जिससे वह बेहद खुश है। अब राजस्थान में राइट टू हेल्थ लागू हुआ है। ऐसा करने वाला यह देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है “मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ पर सरकार व डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी एवं राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप पूर्ववत यथावत रहेगी। ”
Rajasthan : क्या है राइट टू हेल्थ
राइट टू हेल्थ के तहत राजस्थान के निवासियों को निजी अस्पतालों, क्लीनिकों और प्रयोगशालाओं में मुफ्त इलाज का अधिकार दिया जाएगा। स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक हाल ही में राजस्थान विधानसभा में पास करवाया गया है। ऐसे में अब कोई भी व्यक्ति बिना किसी प्री पेमेंट के आपातकालीन चिकित्सा सेवा का लाभ ले सकेगा। इसमें निजी अस्पताल के साथ सभी डॉक्टर्स के क्लीनिकों भी शामिल है।