राजनाथ का राहुल पर तंज “मोहब्बत के बारे में वह क्या जाने! क्या मिली है किसी को मोहब्बत!

Gaurav Sharma
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Rajnath Singh on Rahul Gandhi : केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी मोहब्बत के बारे में क्या जाने। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने के राहुल गांधी के बयान पर उन्होंने लोगों से सवाल पूछा कि क्या किसी को थोड़ी बहुत मोहब्बत मिली है।

भारत टूटा ही नहीं तो किसे जोड़ रहे हैं राहुल

रविवार को मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर हमला बोला.। उन्होंने कहा कि आखिर भारत टूटा कहां से है जिसे जोड़ने की बात की जा रही है। राहुल गांधी लगातार नफरत भरे बयान दे रहे हैं और सेना के बारे में उनका बयान तो बेहद निंदनीय है। राजनाथ ने कहा कि रक्षा मंत्री होने के नाते मैं बहुत ज्यादा नहीं कह सकता लेकिन हाल ही में भारत और चीन के युद्ध में भारतीय सेना ने जिस तरह के अदम्य साहस का परिचय दिया है उससे हर भारतीय का सीना चौड़ा हो गया है और मैं चाहता हूं कि आप लोग भी सेना के सम्मान में तालियां बजाएं। सेना की जमकर तारीफ करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आखिरकार राहुल गांधी क्यों इस तरह की बातें करते हैं जिससे देश के अंदर नफरत का माहौल बनता है।

नफरत फैला कर सत्ता हासिल करना चाहते हैं राहुल

राजनाथ ने कहा कि राहुल गाड़ी नफरत पैदा करके सत्ता हासिल करना चाहते हैं जबकि सत्ता जनता के विश्वास और प्यार से मिलती है।उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी भारत को जोड़ने की बात कर रहे हैं। मैं आपसे पूछता हूं भारत का कहां से टूटा है। कांग्रेस पूरे विश्व के अंदर देश को बदनाम करने का काम कर रही है। मैं जनता का सवाल पूछता हूं कि क्या मोदी जी देश को बदनाम कर रहे हैं, क्या शिवराज जी देश को बदनाम कर रहे हैं?

राजनाथ ने जनता से पूछा “राहुल क्या जाने मोहब्बत के बारे में”

राहुल गांधी नफरत के बाजार में मोहब्बत बेचने की बात कर रहे हैं। क्या आप में से किसी को थोड़ी बहुत मोहब्बत मिली। थोड़ी देर रुक राजनाथ बोले ” मोहब्बत के बारे मे वो क्या जाने”


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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