कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, 7वें वेतन आयोग के तहत होगा बकाए का भुगतान, मिला आश्वासन, जानें कब मिलेगा लाभ?

इसके पहले सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने देरी से भुगतान पर एमसीडी को फटकार लगाई थी और कहा था कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वह इसे भंग करने का निर्देश दे देंगे।

Pooja Khodani
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MCD Employee Payment News: दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है।इन कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत बकाये का भुगतान किया जाएगा। यह आश्वासन एमसीडी ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को दिया है।वही हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 10 दिन के अंदर राशि जारी करने को कहा है।

निगम का HC आश्वासन- सातवें वेतन आयोग के मुताबिक करेंगे भुगतान

सोमवार को एमसीडी के वकील ने दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि निगम द्वारा मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप लंबित बकाये का भुगतान किया जाएगा। करीब 738 करोड़ रुपये की किस्त की अगले कुछ दिनों में दिल्ली सरकार द्वारा ‘मूल कर दायित्व’ के रूप में अदायगी की जानी है तथा इस रकम का उपयोग लंबित बकाये का भुगतान करने में किया जाएगा ।12 हफ्तों में पूर्व कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति लाभों का भी ध्यान रखा जाएगा।

हाई कोर्ट के आदेश 10 दिन के अंदर राशि जारी करें निगम

इस जवाब पर हाई कोर्ट ने निगम से कहा कि दिल्ली सरकार 10 कार्य दिवस के भीतर राशि जारी करें।यदि आश्वासन का उल्लंघन हुआ तो याचिकाकर्ता आयुक्त और एमसीडी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की अपील के लिए स्वतंत्र होंगे।बता दे कि इसके पहले सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने देरी से भुगतान पर एमसीडी को फटकार लगाई थी और कहा था कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो वह इसे भंग करने का निर्देश दे देंगे।

पिछली सुनवाई में भी लगाई थी फटकार

गौरतलब है कि पिछले महीने ही दिल्ली हाई कोर्ट ने कर्मचारियों के वेतन और सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों के तहत बकाया पेंशन भुगतान के मामले को लेकर फटकार लगाई थी और कहा था कि यदि आप अपना कामकाज ठीक नहीं कर सकते हैं तो अदालत की राय है कि एक नई व्यवस्था की जरूरत है और यह (एमसीडी) भंग हो जाएगी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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