लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों (KGMU Employees Teacher) के लिए राहत भरी खबर है। 7वें वेतन आयोग की मांग को लेकर जारी आंदोलन के बीच केजीएमयू ने अपने शिक्षकों और कर्मचारियों को निशुल्क इलाज देने का एलान किया है। इस सुविधा में पैथालॉजी जांच, एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई की जांच भी शामिल हैं।
इस सुविधा से संस्थान के पांच सौ शिक्षकों और दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक की ओर से इसका आदेश जारी कर दिया गया है। विवि के शिक्षक और कर्मचारी पिछले कई दिनों से इसकी मांग कर रहे थे।चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी हिमांशु की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों और तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के सभी नियमित कर्मचारियों को इलाज की सुविधा मिलेगी।हालांकि आदेश में स्पष्ट किया गया कि CT स्कैन की सुविधा सिर्फ संस्थान की ओर से लगी 128 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन में मिलेगी। वहीं पीपीपी मॉडल पर संचालित सीटी स्कैन मशीन पर निशुल्क इलाज की सुविधा मान्य नहीं होगी।
7वें वेतन आयोग पर अपडेट
इधर, किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) के शिक्षकों, डॉक्टरों और कर्मचारियों में सातवें वेतनमान के हिसाब से सैलरी न मिलने पर नाराजगी बढ़ती ही जा रही है।केजीएमयू शिक्षक संघ का कहना है कि 1 जनवरी, 2016 से प्रभावी संसोधित पे मैट्रिक्स एवं सेवानिवृत्तिक लाभ आदि के आदेश एसजीपीजीआई व राम मनोहर लोहिया के लिए जारी किए जा चुके हैं, किंतु केजीएमयू के शिक्षकों के लिए अभी तक जारी नहीं किए गया है।
इस देरी के चलते शिक्षकों में नाराजगी बढ़ी है और उन्होंने आंदोलन का ऐलान किया है, जिसमें मुख्यमंत्री, चिकित्सा शिक्षा मंत्री व कुलपति को पुनः ज्ञापन देने के बाद दस दिन तक इंतजार किया जाएगा।इसके बाद भी सुनवाई न होने पर 1 सप्ताह तक लगातार काला फीता बांधकर कार्य करके विरोध दर्ज करने के सात आवश्यकतानुसार आंदोलन पर आगे निर्णय के लिए आम सभा में पुनः निर्णय लिया जाएगा।शिक्षकों की मांग है कि 7वें वेतन आयोग के तहत वाहन भत्ता, अर्जित अवकाश, प्रोन्नति की अर्हता तिथि से वेतन, चिकित्सीय सुविधाएं व बैंक सम्बंधित समस्याएं आदि का समाधान विश्वविद्यालय स्तर से ही सम्भव है और शेष शासन स्तर से लचर पैरवी के कारण लम्बित है।