इसके तहत योजना (PM Vaya Vandana Yojana) में कोई भी निवेशक अधिकतम 15 लाख रुपये तक का निवेश कर सकता है। खास बात ये है कि यह पेंशन मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर भी ली जा सकती है।इस योजना के तहत पाॅलिसीधारक को हर साल 8 फीसदी का रिटर्न दिया जाता है। अगर पाॅलिसीधारक पूरी अवधि तक जीवीत रहता है तो पेंशन के रूप में बकया राशि दी जाती है, लेकिन अगर अवधि पूरा होने से पहले मौत हो जाती है, तो पाॅलिसी की खरीद रकम नाॅमिनी को दे दी जाती है।
1.11 लाख तक मिलेगी पेंशन
निवेश के आधार पर 1000 से लेकर 9250 रुपये प्रति माह की पेंशन प्रदान की जाती है।इस योजना में अधिकतम मासिक पेंशन 9250 रुपये, तिमाही पेंशन 27,750 रुपये, छमाही पेंशन 55,500 रुपये और अधिकतम सालाना पेंशन 1,11,000 रुपये मिलने का प्रावधान है।योजना के तहत 1000 रुपये मासिक पेंशन के लिए ग्राहक को न्यूनतम 1.62 लाख रुपये निवेश करने होंगे। तिमाही पेंशन के लिए 1.61 लाख, छमाही के लिए 1.59 लाख और सालाना पेंशन के लिए न्यूनतम 1.56 लाख रुपये निवेश करने होंगे।
पति-पत्नी मिलकर भी कर सकते है निवेश
अगर पति पत्नी दोनों इस स्कीम का लाभ उठाना चाहते हैं तो दोनों को प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में लगभग 3 लाख 7 हजार 500 रुपये की रकम निवेश करनी होगी, यानी कुल 6 लाख 15 हजार रुपये। इस हिसाब से निवेशक की सालाना पेंशन 51 हजार 45 रुपये को होगी। अगर इस पेंशन को आप मंथली लेना चाहते हैं तो हर महीने 4100 रुपये की राशि आपको पेंशन के रूप में मिलेगी।
LIC के अधीन
इस योजना में 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोग मासिक या सालाना पेंशन प्लान चुन सकते है और आपको 10 साल तक 8 परसेंट का ब्याज मिलेगा, अगर आप वार्षिक पेंशन का चुनाव करते हैं तो आपको 10 साल के लिए 8.3% का ब्याज मिलेगा। इस स्कीम को LIC के अधीन रखा गया है और पेंशन स्कीम होने की वजह से 60 साल की उम्र के बाद ही इसका लाभ मिल सकता है। इस स्कीम में आपका निवेश 10 साल के लिए होता है। 10 साल तक आपको सालाना या मासिक पेंशन दी जाएगी।
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना
मोदी सरकार ने 2017 में प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) योजना को शुरू किया था। यह योजना वरिष्ठ नागरिकों को सोशल सिक्योरिटी और रेगुलर इनकम प्रोवाइड कराती है, इस सरकारी योजना को भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की ओर से संचालित किया जाता है। केन्द्रीय कैबिनेट बैठक (Modi Cabinet Meeting) ने इसकी अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च 2023 तक कर दी है। पहले इस योजना के तहत निवेश करने की अधिकतम सीमा पहले 7.50 लाख रुपये थी जिसे अब बढ़ा कर 15 लाख रुपये कर दिया गया है।