नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, एनएमसी ने शुक्रवार 4 मार्च, 2022 को एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें भारतीय एमबीबीएस छात्र जो रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन से भारत लौटे हैं, उनको भारत में अपनी अनिवार्य 12-महीने की इंटर्नशिप को पूरा करने की अनुमति दी गई है। परिपत्र उनकी आधिकारिक वेबसाइट – nmc.org.in पर जारी किया गया है।
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चिकित्सा आयोग ने विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट छात्रों के लिए नए नियमों को बढ़ा दिया है जो रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित छात्रों के लिए जारी किया गया था। 18 नवंबर, 2021 के विनियम हाइलाइट्स:
- 18 नवंबर, 2021 से पहले जिन्होंने विदेशी चिकित्सा डिग्री या प्राथमिक योग्यता हासिल कर ली है उन पर यह नियम लागू नहीं होगा।
- 18 नवंबर, 2021 से पहले विदेशी संस्थानों में स्नातक चिकित्सा शिक्षा में जो छात्र शामिल हो चुके हैं, उन पर भी यह नियम लागू नहीं होगा।
- एफएमजी के वह छात्र जिन्हें आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से छूट दी गई है, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा।
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एनएमसी ने आधिकारिक सर्कुलर में कहा कि कुछ एफएमजी “कोविड-19 और युद्ध, आदि जैसी कठिन परिस्थितियों” के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी करने में असमर्थ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, एफएमजी के “भारत में अपने इंटर्नशिप के शेष भाग को पूरा करने के लिए आवेदन के योग्य माना जाता है। इसे राज्य चिकित्सा परिषदों द्वारा संशोधित किया जा सकता है, बशर्ते कि उम्मीदवारों ने भारत में इंटर्नशिप पूरा करने के लिए आवेदन करने से पहले एफएमजीई को मंजूरी दे दी हो”।
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FMGE – फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट परीक्षा जिसे नेक्स्ट परीक्षा के रूप में भी जाना जाता है, एक एक्जिट परीक्षा है जिसे मेडिकल छात्रों को मेडिसिन में पोस्टग्रेजुएशन करने में सक्षम होने और भारत में मेडिसिन का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के योग्य बनने के लिए करते हैं। आयोग ने जारी दिशा-निर्देशों में यह भी कहा है कि “मेडिकल कॉलेज द्वारा एफएमजी से उन्हें इंटर्नशिप करने की अनुमति देने के लिए कोई राशि / शुल्क नहीं लिया जाता है”। एफएमजी के लिए वजीफा और अन्य सुविधाएं भारतीय चिकित्सा स्नातकों को मिलने वाली राशि के अनुसार होंगी।