नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बड़ी खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकारी नौकरी में SC/ST को प्रमोशन में आरक्षण (SC/ST reservation in promotion) के मामले में हुई सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने सुनवाई की।
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इस दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों ने अपना पक्ष रखा और इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई निर्णय ना सुनाते हुए यह कहते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया कि फैसला बाद में सुनाया जाएगा।वही पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने साफ कर दिया था कि वह उस फैसले को दोबारा नहीं ओपन करेगा जिसमें कहा गया है कि एससी और एसटी को प्रमोशन में रिजर्वेशन दिया जाएगा, ये राज्य को तय करना है कि इसे कैसे लागू किया जाएगा।
इससे पहले 6 अक्टूबर को हुई सुनवाई में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि 75 साल बाद भी SC/ST कैटगरी के लोगों को सवर्ण जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया जा सका है, यही कारण है कि आज भी SC/ST से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों (Government Jobs) में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है। लेकिन अब शीर्ष अदालत को रिक्तियों को भरने के लिए एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए कुछ ठोस आधार देने चाहिए।
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इस पर पिछली सुनवाई में ही पीठ ने साफ कर दिया था कि वह प्रमोशन में आरक्षण को लेकर दिए गए अपने पूर्व के फैसले को फिर से नहीं खोलेगी। यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वे उस फैसले का किस तरह से पालन करते हैं। वही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से उन कदमों की जानकारी मांगी थी, जो केंद्रीय नौकरियों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व का आकलन करने के लिए उठाए गए।