School Reopening 2022: स्कूल खोलने को लेकर सरकार की नई गाइडलाइन, छात्रों को मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। 1 फरवरी 2022 से मध्य प्रदेश (MP School Reopening 2022) समेत कई राज्यों में स्कूल खुलना शुरू हो गए है। इसी बीच केंद्र सरकार ने स्कूलों को खोलने को लेकर संशोधित दिशानिर्देश (Schools Re-opening New Guidelines 2022) जारी किए गए है। इसके तहत स्कूल खोलने पर फैसला अब राज्य सरकार लें। राज्य तय करें कि शैक्षणिक संस्थान खोलने के लिए छात्रों के अभिभावक की सहमति आवश्यकता है की नहीं। अब राज्य सरकारें तय करेंगी कि कंसेंट लें या न लें।

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नए दिशानिर्देशों में यह भी कहा गया है कि यदि राज्य या केंद्र शासित प्रदेश कंसेंट के लिए कहते हैं तो माता-पिता अपनी सहमति दें।छात्रों की ऑफलाइन क्लासेस लगेगी या फिर ऑनलाइन क्लास (Offline/Online Classes) कर सकते हैं, इसका फैसला भी राज्य सरकारें (State Government) हालातों को देखकर खुद लें।  छात्रों के स्कूल जाने पर फैसला पेरेंट्स से बात करके होगा। छात्र यदि स्कूल नहीं आना चाहते हैं तो उपस्थिति को लेकर छूट दी जाए।अटेंडेंस के मामले में भी पहले जैसी सख्ती न बरतते हुए 100 प्रतिशत अटेंडेंस का नियम लागू नहीं किया जाएगा, NCRT द्वारा डिजाइन किया गया अल्टरनेटिव कैलेंडर भी चलता रहेगा।

केंद्र ने नई गाइडलाइन में कहा है कि अगर स्कूल में पर्याप्त जगह है तो बच्चों को खेल-कूद, गीत-संगीत सहित अन्य एक्टिविटी की छूट होगी। स्कूल के समय को कम किया जा सकता है। क्लास रूम में दो विद्यार्थियों के बीच की दूरी कम से कम छह फीट होनी चाहिए। यदि कोई स्टाफ कंटेनमेंट जोन में रहता हो तो उसे स्कूल आने की इजाजत नहीं होगी।स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में बच्चों की उनके सीखने के स्तर के आधार पर पहचान करने का भी सुझाव दिए गए है।अब स्कूल सभी कक्षा के छात्रों को एक साथ न बुलाते हुए अलग-अलग समय पर बुला सकते हैं, कैम्पस में एक साथ बहुत ज्यादा छात्रों (School Student) को आने की आज्ञा नहीं होगी।

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केंद्र ने नई गाइडलाइन में कहा है कि अलग-अलग समय पर अलग-अलग क्लास को बुलाया जाएगा।  वे छात्र जो कैम्पस आकर पढ़ना चाहते हैं ऐसे में उस श्रेणी को ज्यादा महत्व दिया जाएगा जिनके पास सुविधाएं नहीं हैं या जो माइग्रेंट, होमलेस या कोविड में किसी परिवारिक सदस्य को खोने वालों में से हैं। पढ़ाई के नुकसान को भरने के लिए न केवल ब्रिज क्लासेस चलाई जाएंगी बल्कि छात्रों से लेकर, शिक्षकों और स्टाफ तक सभी के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाएगा।

बता दे कि 11 राज्यों में स्कूल पूरी तरह से खुल चुके हैं और 16 राज्यों में ज्यादातर उच्च कक्षाओं के स्कूलों को खोल दिया गया है, लेकिन 9 राज्य अभी भी ऐसे हैं, जहां स्कूल बंद हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार ये नई संशोधित गाइडलाइन जारी की है, ताकीसभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए स्कूल को दोबारा खोला जा सके। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह देते हुए कहा कि इन कोविड SOP और गाइडलाइंस को पालन करने के साथ हम ये सुनिश्चित कर सकते हैं कि स्कूलों का संचालन सुरक्षित तरीके से किया जा सके।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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