Corona Crisis : सुप्रीम कोर्ट का सख्त रवैया, इन राज्यों से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश (India) में कोरोना का आंकड़ा 91 लाख के पार हो गया है और अबतक 1,33,227 की मौत हो चुकी है। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों (Coronavirus) के कारण केन्द्र और राज्य की सरकारें अलर्ट है, बावजूद इसके संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नही ले रही है। इसी बीच अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दखल देते हुए सभी राज्य की सरकारों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट को आशंका है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। इस मामले में अब सुनवाई शुक्रवार (Friday) को फिर से होनी है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने लगातार बढ़ रहे कोरोना केसेस को लेकर दिल्ली (Delhi) सरकार समेत 4 राज्यों को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली (Delhi), गुजरात(Gujarat), महाराष्ट्र (Maharashtra) और असम ( Assam) सरकार से कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। वही सुप्रीम कोर्ट ने अन्य राज्यों से भी कोरोना की रोकथाम के लिए स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) मांगी है।  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर अन्य राज्यों ने कोरोना वायरस के हालात को लेकर सावधानी नहीं बरती तो दिसंबर (December) के महीने में स्थिति बहुत बुरी हो सकती है, सभी राज्यों(States) को सावधान रहने की जरूरत है।

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को लेकर गुजरात और दिल्ली की खिंचाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना मामलों के बढ़ने के बावजूद शादियों और समारोहों के लिए दी गई इजाजत पर गुजरात सरकार को भी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद गुजरात सबसे खराब है।सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों (State Governments) को उनके द्वारा उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है। इसके अलावा क्या कुछ कदम उठाए जाने हैं और COVID19 स्थिति से निपटने के लिए केंद्र से आवश्यक मदद को लेकर भी सरकारों से जवाब मांगा गया है।

 

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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