सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने वाले DMK नेता उदयनिधि स्टालिन और ए राजा को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, मांगा जवाब

Atul Saxena
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Supreme Court notice to Uday Nidhi Stalin and A Raja : सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने वाले तमिलनाडु सरकार के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन और डीएमके सांसद ए राजा मुश्किल में घिरते दिखाई दे रहे हैं , सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन और ए राजा सहित सभी 14 पक्षकारों को नोटिस जारी किया है, इन पक्षकारों में, तमिलनाडु सरकार और तमिलनाडु पुलिस भी शामिल है, सुप्रीम कोर्ट ने इनसे जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिखाई सख्ती, उदयनिधि  सहित सभी पक्षकारों को नोटिस 

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार 22 सितंबर को उदयनिधि, ए राजा सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि मद्रास हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है, याचिका में उदयनिधि स्टालिन और सनातन धर्म विवादित बयान देने वाले अन्य नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई का आदेश देने की मांग की गई है।

क्या कहा था उदयनिधि स्टालिन ने?

आपको बता दें कि उदयनिधि में पिछले दिनों चेन्नई में सनातन धर्म उन्मूलन विषय पर आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लिया था,  सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है, कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता उन्हें खत्म कर देना चाहिए, जैसे  हम डेंगू, मलेरिया, मच्छर और कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, इन्हें खत्म करना होता है वैसे ही सनातन धर्म को भी खत्म करना होगा।”

ये कहा था डीएमके नेता ए राजा ने?

उदयनिधि की इस विवादित टिप्पणी के बाद देश में विवाद शुरू हो गया फिर डीएमके सांसद ए राजा ने उदयनिधि की टिप्पणी का न सिर्फ समर्थन किया बल्कि उनसे दो कदम आगे जाते हुए कहा, “सनातन पर उदयनिधि का नरम रुख था, सनातन धर्म की तुलना तो सामाजिक कलंक जैसी बीमारियों के साथ करनी चाहिए, उन्होंने इसकी तुलना सिर्फ मलेरिया और डेंगू से की है, सनातन की तुलना तो एचआईवी, कुष्ठ रोग जैसी सामाजिक बीमारियों से करनी चाहिए।”


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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