Supreme Court का बड़ा फैसला, विकलांग बच्चों की मां को छुट्टी देने से इंकार करना संवैधानिक कर्तव्यों का है उल्लंघन

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमारा विचार है कि याचिकाकर्ता ने विकलांग जनों के अधिकारों अधिनियम के साथ ही गंभीर मामले को उठाया है।

Shashank Baranwal
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Supreme Court: देश की सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला दिया है, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि विकलांग बच्चों की मां को बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टी ना देना उसके समान भागीदारी को सुनिश्चित करने के संवैधानिक कर्तव्यों का उल्लंघन है।

बच्चे की मां को सीसीएल से इंकार नहीं किया जा सकता

दरअसल, इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पादरीवाला की खंडपीठ कर रही थी। इस दौरान जजों का कहना है कि विकलांग बच्चों की माताओं को बाल देखभाल अवकाश (सीसीएल) से इंकार नहीं किया जा सकता है। अगर माताओं को अवकाश देने से इंकार किया जाता है तो यह महिला के समान भागीदारी को सुनिश्चित करने के संवैधानिक कर्तव्यों को उल्लंघन माना जाएगा।


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