Teachers Transfer 2023, Employees Transfer Benefit : शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उन्हें तबादले के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। नई पालिसी तैयार होने के बाद ही अब शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे। मुख्यमंत्री द्वारा इसकी घोषणा की गई है। ऐसे में ढाई लाख शिक्षकों को बड़ा नुकसान लगा है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के आचार संहिता से पहले तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं होंगे। इस मामले में गंभीर रोग से पीड़ित शिक्षकों को राहत मिल सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले पर स्पष्टीकरण दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि सरकार नई नीति तैयार कर रही है, उसके बाद ही अब तृतीय ग्रेड टीचर के तबादले किए जाएंगे।
तैयार की जा रही तबादले की नई नीति
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह जिले की भर्ती है। भर्ती के समय शिक्षकों द्वारा जिले का चुनाव किया जाता है, जो बड़ी समस्या है। इसलिए तबादले की नई नीति तैयार की जा रही है इसमें सभी शिक्षकों का सहयोग आवश्यक है। बिना पॉलिसी के तबादले नहीं होने चाहिए। इसके साथ ही गुजरात महाराष्ट्र की पॉलिसी को अच्छी तरह से स्टडी किया जा रहा है। इसके बाद ही उनके तबादला किए जाएंगे।
इन शिक्षकों को राहत
हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा है की बहुत जरूरी मामलों में जनहित में फैसला लिया जा सकता है। यदि किसी शिक्षक को कैंसर, किडनी जैसी बीमारी है तो उसे शिक्षामित्र अपने स्तर पर देखेंगे। बाकी पॉलिसी बनने के बाद ही तबादले किए जाएंगे।
मामले में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि कई राज्यों की तबादला नीति का अध्ययन करके नीति तैयार की थी। वही सीएम ने कहा है कि इन नीतियों को और अच्छे से स्टडी किया जाए। एक बार फिर से इसका अध्ययन किया जाएगा। साथ ही कैंसर किडनी रोग और असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षकों को भी राहत देने की तैयारी की जा रही है।
5 साल से तबादले का इंतजार
तृतीय श्रेणी शिक्षकों को 5 साल से तबादले का इंतजार है। 2008 में चुनाव से पहले उनके तबादला किए गए थे। 5 साल से शिक्षक इसका इंतजार कर रहे हैं। वहीं शिक्षकों के तबादले के लिए आवेदन मांगे गए थे। एक महीने तक आवेदन की प्रक्रिया चली थी। जिसमें 85000 शिक्षकों द्वारा आवेदन भी किया गया था। हालांकि अभी तक उनके लिए तबादले की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। वहीं अब नई नीति बनने के बाद ही इस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।